काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में स्थित भगवान् शिव का मंदिर है| यह मंदिर भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंगों में से एक है ।
हिन्दू धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान् शिव यहाँ साक्षात रूप में विराज मान है ।
Kashi Vishwanath Temple story -काशी विश्वनाथ मंदिर कथा
पुराणों अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर के निर्माण की कथा बहुत पुरानी है ।
इस कथा के अनुसार एक बार भगवान् ब्रह्मा और भगवान् विष्णु के बीच अपनी शक्तियों की श्रेष्ठता को लेकर बहस हो गई ।
उस वक़्त भगवान् शिव ने स्वयं को प्रकाश के एक अंतहीन स्तंभ के रूप में बदल दिया ।
भगवान् शिव ने प्रकाश स्तंभ के अंत का पता लगाने के लिए ब्रह्मा व विष्णु को कहा | उस वक़्त विष्णु जी ने हार मान ली लेकिन ब्रह्मा जी ने झूठ बोल दिया किया मुझे अंत मिल गया है ।
ब्रह्मा जी का झूठ सुनकर भगवान् शिव क्रोध में आ गए और उन्हें श्राप दे दिया ।
इस सम्पूर्ण घटना के दौरान शिव स्तंभ से प्रकाश पृथ्वी के जिन हिस्सों पर पड़ा वह स्थान भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग के नाम से जाने गए ।
उसी समय से भगवान् शिव ज्योतिर्लिंग रूप में काशी विश्वनाथ मंदिर में विराजमान है ।
Who built Kashi Vishwanath Temple -काशी विश्वनाथ का निर्माण
इतिहास के अनुसार सर्वप्रथम काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कब हुआ इसके साक्ष्य इतिहास में मौजूद नहीं है |
इतिहास के अनुसार 1194 ईस्वी में क़ुतुब दीन ऐबक ने सर्वप्रथम मंदिर पर आक्रमण करके मंदिर तोड़ दिया था |
उसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनः निर्माण राजा मान सिंह ने करवाया था ।
राजा टोडर मल ने अपने शासन काल में पुनः मंदिर का निर्माण करवाया गया । मुग़ल शासन के दौरान औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर वहां ज्ञानवापी मस्ज़िद का निर्माण करवाया था ।
अंत में 1780 में मराठा शासक महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का पुनः निर्माण करवाया ।
महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा निर्मित मंदिर की संरचना आज भी मौजूद है ।