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ToggleKashi Karvat Mandir/ Kashi Karvat Temple - काशी करवट वाराणसी
मणिकर्णिका घाट पर ही स्थित रतनेश्वर् महादेव मंदिर जो काशी करवट के नाम से प्रसिद्ध है, जो मंत्री रीण महादेब मंदिर के नाम से भी जाना जाता है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, यह अद्भुत तरीके से 9 डिग्री से एक ओर को झुका हुआ मंदिर है जो कि पिसा इमारत से भी ज़्यादा झुका और ऊंचा है, इस को देखने कई पर्यटक आते हैं. अगर यह कहा जाए कि काशी में सबसे अधिक किसी मंदिर की फोटोग्राफी होती है तो वह यही मंदिर है।
Address Of Kashi Karvat Varanasi- काशी करवट का पता
8266+HFR, Nepali Khapra, Govindpura, Varanasi, Uttar Pradesh 221001
Kashi Karvat Story / Kashi Karvat Ki Kahani
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को राजा मानसिंह के एक सेवक ने अपनी माँ रत्ना देवी के नाम पर बनवाया था, और जब यह मंदिर बनकर तैयार हो गया तो सेवक ने कहा आज मैंने अपनी माँ का कर्ज़ पुरा कर दिया, जिससे भगवान ने क्रोधित होकर मंदिर को एक ओर से धँसा दिया क्योंकि माँ का कर्ज़ कभी अदा नहीं हो सकता है. इस मंदिर में मानसून के दिनों में पूजा नहीं होती है क्योंकि यह मंदिर एक श्रापित मंदिर है.
इस मंदिर के पीछे की दूसरी कहानी यह बताई जाती है कि इंदौर की रानी अहिल्या देवी की रत्ना बाई नामक एक सेविका थी जिसने इस मंदिर का निर्माण कराया था और अपने ही नाम पर रतनेश्वर् मंदिर का नाम रख लिया, जिससे अहिल्या देवी क्रोधित हो गयीं और उन्होंने रत्ना बाई के द्वारा निर्मित मंदिर को श्राप दिया कि यह मंदिर झुक जाए.
वहीं दूसरी ओर लोग बताते है कि एक बार बाढ़ आने से घाट एक ओर से धँस गया था जिस कारण मंदिर टेढ़ा हो गया है.
Architecture Of Kashi Karwat- काशी करवट मंदिर की बनावट
Kashi Karvat की ऊंचाई 74 फीट की है और नागर शिखर वास्तुकला शैली के आधार पर बना हुआ है, यह मंदिर मणिकर्णिका घाट पर बने अन्य मंदिरों के मुकाबले काफी नीचे को बना हुआ है और इसका निर्माण भी कम जगह में करा गया है, मंदिर के पानी के करीब होने के कारण अधिकांश समय इसके गर्भगृह में पानी भरा रहता है, और मानसून में ज़्यादा बारिश के कारण पानी इसके शिखर तक पहुँच जाता है.
A Temple Without Worship- एक मंदिर जिसकी पूजा नहीं होती
यह दूसरे मंदिरों से ना सिर्फ अपने झुकाव के कारण भिन्न है बल्कि यहाँ पूजा ना होने के कारण भी यह मंदिर दूसरे मंदिरों से भिन्न है, यह मंदिर श्रपित होने के कारण ना तो इसमें किसी भी तरह की पूजा होती है और ना यहाँ कोई भी मूर्ति स्थापित की गयी है.
Conclusion
यह थी एक ऐसे मंदिर की जानकारी जिसमें ना तो देवी देवता हैं और किसी तरह की पूजा होती है यह खास है अपने झुकाव की वजह और पानी के भीतर रहने के बाद भी ज्यों का त्यों बने रहने की वजह से, उम्मीद है आपको पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी.