Varanasi Burning Ghats-वाराणसी के बर्निंग घाट
Burning Ghats – गंगा नदी को मोक्ष नदी के नाम से जाना जाता है। यही कारण है की प्रतिवर्ष अनेक व्यक्ति मोक्ष प्राप्ति के लिए वाराणसी आते है।
वाराणसी में गंगा के चारो ओर करीब 88 घाट है। इस सभी घाटों का अलग अलग महत्व है. इन्ही 88 घाटों में से दो घाट ऐसे है को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है। वह घाट है – मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट।
कहाँ स्थित है मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट-Manikarnika Ghat and Harishchandra Ghat Location
मणिकर्णिका घाट लाहोरी टोला में स्थित है और हरिश्चंद्र घाट चेत सिंह घाट के निकट स्थित है।
मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट-Manikarnika Ghat and Harishchandra Ghat Details
मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट वाराणसी के वह घाट है जहां मृत्यु के बाद मानव का अंतिम दाह संस्कार किया जाता है और मनुष्य को अंतिम संस्कार के बाद मोक्ष प्राप्त होता है। इसी कारण से मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट को वाराणसी के बर्निंग घाट कहा जाता है। मणिकर्णिका घाट को महाशमशान के नाम से भी जाना जाता है। मणिकर्णिका घाट पर प्रतिदिन करीब 80-100 शवों का दाह संस्कार किया जाता है।
वाराणसी के बर्निंग घाटों का रख रखाव डोम समाज द्वारा किया जाता है।
वर्तमान में डोम समाज अंतिम संस्कार का पैकेज भी देती है जिसमें अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी, अन्य सामग्री, पूजा का सामान आदि शामिल होता है। जिससे की अंतिम संस्कार के दौरान परिवारजनों को कोई परेशानी न हो।