Vishwanath Temple BHU : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कैंपस में स्थित बाबा भोलेनाथ मंदिर

Vishwanath Temple Kashi/ Vishwanath temple in Varanasi- विश्वनाथ मंदिर वाराणसी

श्री विश्वनाथ मंदिर वाराणसी जंक्शन से मात्र 12 km की दूरी पर बनारस हिन्दू विश्विधालय के परिसर में बना भारत का सबसे ऊँचा मंदिर है। यह मंदिर अपनी धार्मिक महत्व के साथ अपनी सुंदरता और विशालकाय आकार के लिए पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। विश्वनाथ मंदिर शिव भगवान को समर्पित मंदिर है, इस मंदिर का दूसरा नाम बिड़ला मंदिर भी है।

History Of Vishwanath Temple | विश्वनाथ मंदिर का इतिहास

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को कई बार छति पहुँचाई गयी और कई बार इसका पुन: निर्माण कराया गया, सन् 1130 में क़ुतुब उद्दीन ऐबक ने, फिर हुसैन शाह शार्क़ि और 1669 में औरंगज़ेब ने इसे छति पहुँचाई, मगर सन् 1930 में पंडित मदन मोहन मालवीय ने बनारस हिन्दू विश्विधालय में काशी के विश्वनाथ मंदिर के हुबहु एक नया मंदिर बनाने की योजना बनाई, जिसमें अन्य लोगों के साथ बिड़ला परिवार ने वित्तीय योगदान में बड़ा हिस्सा लिया जिस कारण इसे बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर के निर्माण कार्य की नीव 1931 में रखी गयी थी जबकि यह पूर्ण रूप से 1966 में बनकर तैयार हुआ.

Architrcture Of Vishvanath Temple | विश्वनाथ मंदिर की बनावट

श्री विश्वनाथ मंदिर भारत का सबसे ऊँचा शिवजी का मंदिर है, जिसकी ऊंचाई 76 मीटर है, यहाँ एक ही छत के नीचे 9 मंदिर हैं जोकि अलग अलग देवी देवताओं को समर्पित हैं. नीचे बाबा विश्वनाथजी जो कि एक लिंग के रूप में हैं स्थापित हैं .

इनके अलावा नटराज, माता पार्वती, गणेशजी, माँ सरस्वती, पंचमुखी महादेव, हनुमानजी, नंदी महाराज की मूर्तियाँ स्थापित हैं, और पहले तल पर महामाया भगवान शंकर की विशाल मूर्ति और लक्ष्मी नारायणजी की मूर्तियाँ विराजमान है. मुख्य मंदिर के उत्तर में यश्रशाला एवं दक्षिण में विश्राम शाला है. मंदिर में बने गलियारों में मेहराबें बनी हुई हैं और हर मेहराब में 108 रुद्राक्ष मोती बने हुए है.

Gold Plated Of VishvanathTemple | विश्वनाथन मंदिर का सोना मढ़वाया

जब यह मंदिर बनवाया गया था तो यह संगमरमर के सफेद पत्थरों से बना हुआ था, लेकिन पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह 1835 में मंदिर के दो शिखरों पर 22 मन सोना लगवाया जिससे इसकी सुंदरता में चार चाँद लग गए, और फिर किसी दक्षिण भारत के दानदाता ने 60 किलो सोना मंदिर को दान दिया , जिससे मंदिर शिखर के नीचे का 8 फीट छोड़कर मंदिर को सोने स्वर्ण मंडित करा गया जो देखने में किसी स्वर्गलोक के महल से कम नहीं दिखता है. गर्भ गृह में लगभग 37 किलो सोने का पत्तर लगा है और 23 किलो सोने से बाहरी दीवार और दरवाज़े स्वर्ण मंडित करें गए हैं. स्वर्ण मंडित किये गए हिस्सों को एक्रोलिक की शीट से कवर करा गया जिससे की वो वह गंदा होने बचे. रात को रोशनी के लिए ऐसी लाइट लगाई गयी हैं जिससे पुरा मंदिर सोने के मुकुट की तरह जगमगाता है.

Address Of Vishvanath Temple | विश्वनाथ मंदिर का पता

विश्वनाथ मंदिर, बनारस हिन्दू विश्विधालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

Timing Of Vishvanathan Temple | विश्वनाथन मंदिर का समय

मंदिर के खुलने का समय सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक का है और आरती का समय मंगल आरती सुबह 3 बजे है. विभिन्न आरती के लिए विभिन्न फीस निर्धारित है.

Conclusion

तो यह थी Vishvanath Temple | विश्वनाथन मंदिर को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे विश्वनाथ मंदिर का सोना मढ़वाया, Address Of Vishvanathan Temple, History Of Vishvanathan Temple । उम्मीद करता हूँ आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आयी होगी. अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तो में शेयर करना ना भूले.

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