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ToggleSkandamata Mandir Varanasi- स्कंद माता देवी वाराणसी
वाराणसी के जैतपुरा में स्कंद माता देवी का मंदिर स्थित है, यह एक साधारण सा बना हुआ मंदिर है जिसमें दुर्गा माँ का पांचवा रूप निवास करता है जो काशी की रक्षा करता है, और लोगों की आत्मा को शुद्धि प्रदान करता है.
History of Shri Skandamaata Mandir- स्कंद माता देवी का इतिहास
ऐसा बताया जाता है कि देवासुर अपनी अलौकिक शक्तियों से संत महात्माओं को परेशान करता था, जिसके विनाश के लिए भगवान शिव ने माता पार्वती को भेजा, माता पार्वती ने देवासुर का विनाश कर दिया, और देवासुर नामक दुष्टातमा की प्राण लेने के बाद माता पार्वती ने माँ दुर्गा का रूप धारण कर लिया और उन्होंने काशी की सभी बुरी शक्तियों से रक्षा करी.
Symbolism Of Skandamata- स्कंद माता देवी का महत्व
यह सहनशक्ति की देवी हैं, इस मंदिर में दुर्गा माँ की मूर्ति स्थापित है जिसके 4 हाथ हैं, ऊपर के दोनों हाथों में कमल के फूल पकड़ी हुई हैं और उनकी गोद में उनके पुत्र कुमार कार्तिकेय विराजमान हैं, जिनके 6 सिर हैं. और उल्टे हाथ से माता दुर्गा आशीर्वाद दे रही हैं, वह कमल पर बैठी हुई हैं जबकि उनकी सवारी सिंह है. इन्हें पदमसाना देवी भी कहते हैं क्योंकि वह कमल पर बैठकर ध्यान करती है.
Worship Of Skandamata- स्कंद माता देवी की पूजा
ऐसी मान्यता है कि स्कंद माता की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं और उनके जीवन में अधिक शान्ति और हर्ष की प्राप्ति होती है. माता स्कंद सूर्य देवता के कक्ष की स्वयं रक्षा करती हैं जिससे उनके भक्तों को ऐसे प्रकाश की प्राप्ति होती है जो उन्हें चारों ओर से घेरे रहती है और सूर्य देवता के प्रकोप से भी भक्त सुरक्षित रहते हैं. जैसा कि स्कंद माता पवित्रता की देवी हैं, इनकी पूजा करने से लोगों की आत्मा और मन पवित्र बने रहते है और शांति का अनुभव करते हैं.
स्कंद देवी दुर्गा माँ का पांचवा रूप हैं, भक्तों की श्रद्धा है कि नव दुर्गे की पंचमी पर स्कंद माता की विशेष पूजा करने से विशुद्धि के चक्र में प्रवेश करते हैं मतलब यह कि इस दिन विशुद्धि से शुद्धि की ओर प्रवेश करते हैं, आत्मा, मन, बुद्धी हर प्रकार से चारों दिशा से शुद्ध होती है, शुद्ध और सकारात्मक विचार मन में आते हैं, नकारात्मक विचार और अशद्धियों को आपके जीवन से दूर हो जाते है.
Conclusion
स्कंदमाता मंदिर जहाँ श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर जाते हैं और अशुद्ध विचारों को त्याग कर शुद्ध विचारों को ग्रहण करते हैं, ऐसी भाग दौड़ वाली ज़िन्दगी में शान्ति पाने के ज़रूर जाए, अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तो में शेयर करना ना भूले.