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सिंधिया घाट, वाराणसी के प्रसिद्ध घाटों में से एक है। सिंधिया घाट को शिंदे घाट के नाम से भी जाना जाता है। मणिकर्णिका घाट से उत्तरी दिशा में स्थित यह घाट मुख्य रूप से पूजा स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ विभिन्न प्रकार के पूजा पाठ और हवन आदि का आयोजन किया जाता है।
Address: सिंधिया घाट, दत्तात्रेय मठ, वाराणसी, उत्तरप्रदेश में स्थित है
सिंधिया घाट का इतिहास
सिंधिया घाट का इतिहास अत्यंत पुराना है। इस घाट का निर्माण करीब 150 वर्ष पूर्व हुआ था। सिंधिया घाट को सिंधिया नामक एक व्यक्ति ने बनवाया था। इसलिए इस घाट को सिंधिया घाट के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार, यह माना जाता है कि अग्नि देवता का जन्म भी इसी स्थान पर हुआ था। इस कारण से यह वाराणसी के पवित्र स्थानों में से एक स्थान है। इस के साथ साथ यहाँ भगवान् शिव का प्रसिद्ध रतनेश्वर मंदिर भी स्थित है, जो कि गंगा नदी की ओर झुका हुआ है। रतनेश्वर महादेव मंदिर आंशिक रूप से गंगा नदी डूबा हुआ है।
सिंधिया घाट के निकट मुख्य आकर्षण
सिंधिया घाट के निकट घूमने के लिए अनेक स्थान है। यह सभी स्थान सिंधिया घाट के निकट आकर्षण का मुख्य केंद्र है।
- रत्नेश्वर महादेव मंदिर
- लक्ष्मी नारायण मंदिर
- महामृत्युंजय महादेव मंदिर
- आत्मवीरेश्वर महादेव मंदिर
सिंधिया घाट घूमने का उत्तम समय
सिंधिया घाट घूमने के लिए कभी भी जा सकते है। इसके अतिरिक्त सूर्योदय और सूर्यास्त के समय घूमने का समय अच्छा है।
कैसे पहुंचे सिंधिया घाट
बस द्वारा , चौधरी चरण सिंह बस अड्डे से सिंधिया घाट पंहुचा जा सकता है। चौधरी चरण सिंह बस अड्डे से सिंधिया घाट की दूरी 4 किलोमीटर है।