Markandey Mahadev in Varanasi : मार्कंडेय महादेव भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर

Markandey Mahadev Temple Varanasi/ Markandey Mandir Banaras- मार्कंडेय महादेव मंदिर

मार्कंडेय महादेव मंदिर भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है जोकि उत्तर प्रदेश के वाराणसी से 30km दूर कैथी गाँव में स्थित है, वाराणसी से ग़ाज़ीपुर हाई वे पर कैथी एक छोटा सा गाँव है. यह मंदिर पूरी तरह शिवजी को समर्पित है, मार्कंडेय महादेव धाम पुर्वांचल के प्रमुख्य देवताओं में से एक है, और यह धाम द्वादश ज्योतिर्लिंग के बराबर महत्व रखता है,जिसका उल्लेख मार्कंडेय पुराण में हुआ है. यहाँ लोग जगह जगह से अपनी मन्नतें लेकर आते हैं. इस मार्कंडेय महादेव मंदिर को महामृत्युंजय मंदिर से भी जानते हैं.

Renovation Of Markandey Mahadev Temple | मार्कंडेय महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार

इसकी महत्ता और यहाँ श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए मार्कंडेय महादेव मंदिर के विकास के कार्य की मोदी सरकार द्वारा योजना बनाई गई है, इस परियोजना के अंतर्गत मंदिर से लेकर गोमती और गंगा के संगम तक एक नया घाट बनाया गया है, और यातायात में आसानी के लिए सड़कों का चौडीकरण भी करा गया है, और इस मंदिर को स्वर्णिकरण किया गया है, जिससे इसका शिखर और मुख्य द्वार पर 18 गेज के 2000 किलो तांबे पर गोल्ड प्लेटेड किया गया है. अब मार्कंडेय महादेव मंदिर भारत का तीसरा स्वर्ण शिवजी का मंदिर बन गया है.

Story Behind Of Markandey Mahadev Temple | मार्कंडेय महादेव मंदिर के पीछे की कहानी

इस मंदिर के पीछे ऐसी मान्यता है कि एक साधु मरीकंदु और उसकी मरुद्वती शिवजी के भक्त थे उनकी खूब सेवा और उपासना किया करते थे परन्तु उनकी कोई संतान नहीं थी, एक दिन उनकी भक्ति से खुश होकर शिवजी प्रकट हुए और उन्होंने साधु और उसकी पत्नी को संतान प्राप्ति का वरदान दिया परंतु शर्त रखी की अगर वह साधारण संतान चाहते है तो उसकी दीर्घ आयु होगी और असाधारण संतान चाहते है तो उसकी आयु कम होगी.

दंपति ने असाधारण संतान की कामना करी, दंपति के यहाँ संतान हुई जिसका नाम मार्कंडेय रखा, और यह भी शिवजी का भक्त था महामृत्युंजय मंत्र में इसे महारत थी, जब यह 16 साल का हुआ तो कम आयु दोष के कारण इसे यम लेने आये तो मार्कंडेय डरकर शिवलिंग से लपट गया और अपनी रक्षा की गुहार लगाने गया, मगर यम ने अपना फंदा इस मार्कंडेय पर फेका जिसमें शिवलिंग भी आ गया, जिससे शिवजी क्रोधित अवस्था में प्रकट हुए और यम को मृत्यु दे दी, और मार्कंडेय को वरदान दिया कि वह हमेशा 16 वर्षीय ऋषि के रूप में अमर रहेगें, वहीं दूसरी और देवताओं ने यम के दोबारा जीवन की गुहार लगाई, शिवजी ने यम को ज़िन्दा कर दिया.

Worship Of Markandey Mahadev | मार्कंडेय महादेवी की पूजा

मार्कंडेय महादेव मंदिर में शिवरात्रि को एक लोटा जल और बैलपत्र चड़ाने से मनोकामना पूरी होती है, ये बैलपत्र पर श्रीराम लिखा हुआ होता है, सावन के महीने में भारी तदात में लोग यहाँ पूजा के लिए आते हैं, यहाँ निसंतान को संतान प्राप्ति होती है.

Conclusion

यह थी कहानी मार्कंडेय महादेव मंदिर की कहानी जिसमें बताया गया है कि अगर कोई सच्चे दिल से भगवान की भक्ति करता है तो भगवान उसे यम से भी बचा लेते हैं और उसको संसार में उच्च स्थान देते हैं. अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तो में शेयर करना ना भूले

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