Gyanvapi Mosque Controversy:ज्ञानवापी मस्जिद विवाद

Gyanvapi Mosque Controversy in Varanasi-

ज्ञानवापी मस्जिद उत्तरप्रदेश, काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी हुई बनी है। इतिहास के अनुसार ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 1735 में औरंगजेब ने प्राचीन शिव मंदिर विश्वेश्वर मंदिर को तोड़ कर करवाया था।

हिन्दू पक्ष दावा करता है की यह हिन्दू शिव मंदिर है वही मुस्लिम पक्ष दावा करता है की यह प्राचीन मस्जिद है। इसी कारण से हिन्दू और मुस्लिम पक्ष में विवाद बना हुआ है। ज्ञानवापी मस्जिद के स्वामित्त्व को लेकर हिन्दू व् मुस्लिम पक्ष के मध्य यह विवाद वर्ष 1936 से ही चल रहा है जो की वर्तमान समय में भी कायम है।

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का विवरण-Gyanvapi Mosque Controversy Details

ज्ञानवापी मस्जिद के स्वामित्व और अधिकार पर समय समय से बहस होती रही है। वर्ष 1936 में   ज्ञानवापी मस्जिद का  विवाद पर सर्वप्रथम उभर कर सामने  आया  था।  इस समय तीन मुस्लिम याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि पूरे परिसर को मुस्लिम अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कर दिया जाये। इस याचिका के दौरान मुस्लिम पक्ष को राहत मिली और कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष यहाँ नवाज अदा कर सकते है इस याचिका के उपरांत मुस्लिम  पक्ष को स्पष्ट  रूप से नवाज अदा करने का अधिकार  प्राप्त हो  गया। मुस्लिम पक्ष के हित में फैसला आने से हिन्दू पक्ष रोष में आ गया।  इस प्रकार सर्वप्रथम ज्ञानवापी मस्जिद पर आधिकारिक रूप से विवाद शुरू हो गया।

वर्ष 1936 के जबाव में वर्ष 1991 में हिन्दू पक्ष ने याचिका दायर करते हुए कहा कि यह मस्जिद प्राचीन शिव मंदिर को तोड़ कर बनाई गई है। इस कारण से हिन्दू पक्ष को यहाँ मंदिर बनाने कि अनुमति दी जाये। इस याचिका को विशेष अधिनियम 1991 के तहत महत्व नहीं दिया गया। हिन्दू पक्ष की याचिका ख़ारिज होने पर हिन्दू पक्ष का गुस्सा और अधिक प्रबल हो गया ।

पुनः वर्ष 2019  में  विश्वेश्वर मंदिर कि ओर से विजय शंकर रस्तोगी ने याचिका दायर कि , और कहाँ की पूरे ज्ञानवापी परिसर का पुरातत्व सर्वेक्षण करवाया जाये।  जिससे पता चल सके की यह जमीन मंदिर की है या मस्जिद की।  निचली अदालत ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण किया जाये , परन्तु इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने इस निर्णय को स्थगित कर दिया।  इसके बाद वर्ष 2021  में पांच हिन्दू महिलाओ राखी सिंह , लक्ष्मी देवी , सीता साहू , मंजू व्यास , रेखा पाठक ने केस दायर करते हुए कहा कि मंदिर में गौरी श्रृंगार , नंदी पूजन , भगवान् गणेश पूजन आदि कि इजाजत हिन्दू पक्ष को दी जाये। वर्ष 2022  में इसी याचिका कि सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश दिया गया।

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान अनेक ऐसे साक्ष्य प्राप्त हुए जिनसे यह पता चला की यह ज्ञानवापी मस्जिद विश्वेश्वर मंदिर को तोड़ कर बनाई गई है। इस सर्वे के बाद ज्ञानवापी मंदिर का विवाद और अधिक सक्रिय न हो जाये इस लिए कोर्ट के आदेश पर मस्जिद को सील कर दिया गया है।

वर्तमान में भी यह केस चल रहा है।  तत्कालीन रूप से  मस्जिद के वजूखाने में प्रवेश को रोक दिया गया है और  अब मस्जिद में 20  से अधिक लोग नवाज नहीं पढ़ सकते है। साथ साथ हिन्दू पक्ष को भी श्रृंगार पूजन और नंदी पूजन की इजाजत मिल गई है।

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