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वाराणसी अपने मंदिरो, घाटों और यहाँ के स्वादिष्ट पकवानो के लिए जाना जाता है।
वाराणसी की कचौडी गली किसी स्वर्ग से कम नही हैं। बनारस जितना अपने सुंदर घाटो और बाबा विश्वनाथ के लिए प्रसिद्ध हैं, उतना ही बनारसी कचौडी के लिए भी है। कचौडी गली बनारस का फ़ूड सेण्टर है यहाँ पर आपको कचौडी,सब्जी,जलेबी, लस्सी, बनारसी पान और विभिन्न प्रकार के पकवान खाने को मिल जायेगा। यहां पर कचोरी की कई सारी फेमस दुकाने है।
Kachori Gali Varanasi की आध्यात्मिक सुंदरता में स्वाद का एक अद्भुत जायका घोल देती है। इस अद्भुत जायके का लुफ्त लेने के लिए लोग दूर – दूर से खीचे चले आते हैं। और जिसने इन सकरी गलियों का जायका चख लिया वो तो इसका स्वाद उम्र भर नही भूल पाता हैं।
कचौडी गली का पता
वैसे तो कचौडी गली को किसी पते की जरूरत नहीं हैं, बस एक बार आपके मुहँ से कचौडी गली नाम निकालने की देर रहती हैं कि हर बनारसी आपको उस जादुई गली का पता बताने के लिए तैयार रहता हैं।
बाबा विश्वनाथ मंदिर और चौक के पास लोहरी टोला की एक सकरी गली हैं जो कचौडी गली के नाम से प्रसिद्ध हैं।
कैसे पहुंचे कचौडी गली
लोग प्रायः काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद बनारस की तंग गलियों से पैदल यात्रा करते हुए कचौडी गली का रुख करते है।
चौक से ई रिक्से से भी कचौडी गली जाया जा सकता है।
क्यों इतनी मशहूर है कचौड़ी गली
वाराणसी आने के बाद आपको यहाँ के खाने से प्यार हो ही जायेगा। कचौडी गली में कचौडी सब्जी, जलेबी , चाय ,लौंगलता ,भांग वाली ठंढाई जैसी तमाम खाने की चीजे मिलती है जिनका लाजवाब स्वाद आपको एक दम दीवाना बना देता हैं।
कचौडी गली अपने कचौडी और जलेबी के लिए मशहूर हैं।
लोग यहाँ तक बोलते है कि अगर बनारस आये और कचौडी गली की जलेबी और कचौडी का स्वाद नही चखा तो आपने बनारस का स्वाद चखा ही नहीं।
कचौडी गली में क्या खाये और क्या करे
पूरी कचौडी गली ही अपने उम्दा जायके के लिए जानी जाती हैं। पर फिर भी यहाँ कुछ दुकाने ऐसी जिनका स्वाद ऐसा है कि खाने के बाद लोग हाथ की उंगलियाँ चाट जाते है। तो आइये गोता लगाते है इस तिलस्मि गली की गहराइयों मे और जानते है वो कुछ चुन्निंदा दुकाने तो इस स्वाद की दुनिया मे इस गली के नाम मे चार चाँद लगा देती हैं। पूरी काशी ही अध्यात्म के लिए प्रख्यात है, पर कचौडी गली अपने बनारसी स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।
यहाँ आप कुछ बेहतरीन लोकल चीजों की शॉपिंग भी कर सकते है।
राम भंडार – कचौडी सब्जी
राम भंडार कचौडी गली के उन प्रमुख प्रतिष्ठानों में से एक है जिसका नाम उन स्वाद के दीवानों के मुहँ मे पानी ला देता हैं।
यहाँ पर लोगो की बड़ी भीड़ कढ़ाई के गर्म तेल मे पड़ी उन बनारसी कचौडी के सुनहरे होने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करती मिलती हैं, और उसके बाहर आते है सब्जी के साथ उसके बेहतरीन जायके का लुफ्त उठाती है।
नीलू कचौड़ी भंडार
ये काशी में सबसे अच्छी कचौरी परोसते हैं। भारत में कहीं भी ऐसी मनमोहक कचौरी नहीं खाई होगी। बहुत कम कीमत और कमाल की मेज़बानी होती है इनकी आप सिर्फ़ इस खाने के लिए वाराणसी की दूसरी यात्रा पर जा सकते है।
सरदार जी पापड़ वाले
यहां पर हर आइटम आपको बढ़िया और शुद्धता के साथ मिलता है यहां का अचार, मुरब्बा, कैंडीज, पापड़ इत्यादि चीजे मिलती है।
सरे सामान बहुत बढ़िया रहता है और ध्यान पूर्वक सफाई से इसको तैयार करते है।
लक्ष्मी चाय वाला
लक्ष्मी चाय वाला काशी विश्वनाथ मंदिर के पास एक कचोरी गली में स्थित एक छोटी सी चाय की दुकान है। दुकान का स्थान ऐसा है की मंदिर में दर्शन के बाद यहाँ रुकना सुविधाजनक होता है। हालाँकि चाय अपने आप में औसत दर्जे की है लेकिन सफ़ेद मक्खन-ब्रेड एक खास डिश है। यह ब्रेड मुलायम, ताज़ा और ऊपर से भरपूर मक्खन से बनी होती है, जो इसे एक बेहतरीन व्यंजन बन जाती है।
कौन कौन से पकवानों का ले स्वाद
कचौडी गली के हर पकवान एक उम्दा जायके के साथ परोसे जाते है। यहाँ पर लोग प्रायः कचौडी सब्जी, जलेबी , बनारसी चाय, लौंगलता, बनारसी पान, लस्सी, भाँग वाली ठंडाई का लुफ्त उठाते है।
कचौडी गली के व्यंजनों ने आज के इस फास्ट फूड के जमाने मे भी लोगो के बीच मे स्वाद का एक अलग ही जादू किया है। जो आज भी उन्हे उन तंग गलियों मे खींच लाता है।
जायके के जौहरियों के लिए बनारस की कचौडी गली किसी खजाने से कम नहीं है। आप जब भी बनारस जाए तो इन बेहतरीन जायकों से भरी कचौडी गली जा कर इनका लुफ्त उठाना ना भूले।