Dashashwamedh Ghat in Varanasi-बनारस का सुप्रसिद्ध घाट

Dashaswamedh Ghat-दशाश्वमेध घाट

दशाश्वमेध घाट विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है और यह बनारस के समस्त घाटों में सबसे शानदार घाट है।               

दशाश्वमेध घाट के बारे में (About Dashashwamedh Ghat)

दशाश्वमेध वाराणसी में गंगा किनारे स्थित एक सुप्रसिद्ध स्थान है जिसका अपना एक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। विद्वानों ने दशाश्वमेध का अर्थ बताया है कि 10 घोड़ों का बलिदान लोक मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा द्वारा एक यज्ञ का आयोजन किया गया था जिसका उद्देश्य था भगवान शिव को निर्वासन से वापस लाना जब भगवान शिव निर्वासन से वापस आए तो उनके आने की खुशी में 10 घोड़ों का बलिदान किया गया था तब से इस घाट का नाम दशाश्वमेध घाट पड़ा। यह बनारस के प्रसिद्ध घाटों में से एक है दशाश्वमेध घाट पर प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और इस जगह में होने वाले धार्मिक कार्यक्रम में भाग भी लेते हैं दशाश्वमेध का सबसे प्रमुख और विख्यात आकर्षण का केंद्र घाट की गंगा आरती (Ganga aarti) है, दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन सुबह और शाम दोनों वक्त ही गंगा आरती का आयोजन किया जाता है।        

दशाश्वमेध घाट का इतिहास (History of Dashashwamedh Ghat)

दशाश्वमेध घाट के इतिहास के बारे में अनेक लोक मान्यताएं हैं काशी खंड के अनुसार ब्रह्मा जी द्वारा इस घाट पर अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया गया था और 10 घोड़ों की बलि देने के कारण ही इस घाट का नाम दशाश्वमेध घाट पड़ा और कुछ विद्वानों का मानना है कि नागवंशी राजा वीर सिंह द्वारा इस जगह पर 10 बार अश्वमेध यज्ञ कराया गया जिस कारण इस स्थान का नाम दशाश्वमेध घाट पड़ा, सन 1929 में यहां रानी पुटिया के मंदिर के नीचे खुदाई में अनेक यज्ञ कुंड निकले थे।

घाट से जुड़ी रोचक बातें

दशाश्वमेध घाट हिंदू संस्कृति और परंपरा के रूप में काफी प्रसिद्ध है शाम के समय और शिवरात्रि उत्सव के दौरान घाट पर अधिक भीड़ होती है ग्रहण के अवसर पर इस घाट में पवित्र स्नान करने की मान्यता है। 

क्या देखें (What to see at Dashashwamedh Ghat)

जब आप दशाश्वमेध घाट आएंगे तो आप यहां पर ऐसी हिंदू धर्म की रीति रिवाज और संस्कृति देखेंगे जो शायद ही आपको कहीं देखने को मिले, सुबह-सुबह घाट पर कई अनुष्ठानों और गतिविधियों को देख सकते हैं इस घाट की गंगा आरती विश्व प्रसिद्ध है शाम के वक्त गंगा आरती देखने का नजारा अत्यधिक मनमोहक होता है गंगा आरती का आनंद नाव पर बैठकर जरूर ले, दशाश्वमेध घाट की संध्या आरती का समय 6:30 बजे है और इस घाट के पास कई प्रसिद्ध मंदिर और पर्यटक स्थल स्थित है।   

दशाश्वमेध घाट के समीप स्थित मंदिर (Nearby Temples)

घाट के समीप बाबा विश्वनाथ तथा मां अन्नपूर्णा का विश्व प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। 

दशाश्वमेध घाट के समीप स्थित घाट (Nearby Ghats)

इस घाट के समीप अहिल्या घाट, मुंशी घाट तथा दरभंगा घाट स्थित है।                                                          

घाट तक कैसे पहुंचे (How to reach Dashashwamedh ghat)

दशाश्वमेध घाट काशी विश्वनाथ मंदिर के बहुत करीब स्थित है, ऑटो रिक्शा या कार ले जा सकते हैं। गोदौलिया से घाट तक पहुंचने के लिए 5 से 10 मिनट पैदल चलना पड़ता है क्योंकि इसके पास किसी भी वाहन की अनुमति नहीं है। कैंट स्टेशन से दशाश्वमेध घाट की दूरी 5.2 किलोमीटर है।          

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