Ashutosh Bhattacharya- आशुतोष भट्टाचार्य

Introduction (परिचय)

आशुतोष भट्टाचार्य भारतीय शास्त्रीय जगत के एक प्रसिद्ध तबला वादक थे, इनका जन्म उत्तर प्रदेश के बनारस (Varanasi) शहर में हुआ था । आशुतोष भट्टाचार्य तबला वादक के साथ एक शिक्षक भी थे वह संगीत की शिक्षा देते थे इसके अलावा वह एक आयुर्वेदिक चिकित्सक थे।

शिक्षा एवं आरंभिक जीवन

आशुतोष भट्टाचार्य का जन्म वाराणसी के एक बंगाली परिवार में 17 मार्च 1917 में हुआ था वह आयुर्वेदिक चिकित्सको के बीच पले बढ़े थे, भट्टाचार्य के परिवार में उनके पिता और दादा दोनो ने आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रसिद्धि हासिल की थी। 8 वर्ष की उम्र में इन्होने संगीत में रुचि विकसित की, कम उम्र में ही इन्होने पंडित राम नाथ मिश्रा से Pakhawaj(पखावज उत्तरी भारत का एक थाप यंत्र है) बजाना सीखकर संगीत में प्रारंभिक रुचि दिखाई। कुछ समय तक शिक्षा लेने के बाद भट्टाचार्या ने तबला सीखना शुरू कर दिया जिसकी शिक्षा उन्होंने बनारस घराने के प्रसिद्ध तबला वादक पंडित कंठे महाराज और किशन महाराज के चाचा से प्राप्त की।

Career (व्यवसाय)

21 साल की उम्र में, इन्होने इलाहाबाद में एक संगीत कार्यक्रम में सरोद मास्टर अलाउद्दीन खान के साथ प्रदर्शन करना शुरू किया बाद में इन्होने पं सहित प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ प्रदर्शन किया। उनके अलावा भट्टाचार्य ने रविशंकर, उस्ताद अली, अकबर खान, और उस्ताद विलायत खान जैसे बड़े उस्तादो के साथ भी प्रदर्शन किया।

अपने संगीत करियर के अलावा, इन्होने विद्यार्थियों को पढ़ाया और संगीत की शिक्षा दी इसके अलावा अपने वाराणसी (Varanasi) क्लिनिक में आयुर्वेदिक चिकित्सा का अभ्यास भी किया।

एक गंभीर बीमारी के कारण 86 वर्ष की आयु में 9 फरवरी, 2004 को भारत के वाराणसी शहर में इनका निधन हो गया।

Awards (पुरस्कार)

संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप सर्वोच्च द्वारा 1966 में भट्टाचार्य को सम्मानित किया गया

संगीत नाटक अकादमी, संगीत, नृत्य और नाटक के लिए भारत की राष्ट्रीय अकादमी है।

अन्य जानकारी

आशुतोष भट्टाचार्य के एक पुत्र भी है जिनका नाम देवद्रत भट्टाचार्य है जो की एक तबला वादक है।

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