Ashoka Stambh Sarnath:अशोक द्वारा बनवाया गया सारनाथ स्तिथ अशोक स्तम्भ

Ashoka Pillar At Sarnath

अशोक द्वारा बनाये गए स्तंभ भारत के विभिन्न भागों में स्थित हैं,उन्हीं में से सारनाथ का 17 मीटर ऊंचाई वाला  स्तंभ विशेष रूप से प्रसिद्ध है जिसे अशोक स्तंभ के नाम से जाना है, अशोक स्तम्भ सारनाथ को भारत का राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया था, जो कि शान्ति और धर्म की अखंडता का प्रतीक है, स्तंभ के अशोक चक्र को राष्ट्रिय ध्वज में लिया गया है.अशोक स्तंभ सारनाथ के तीन भाग हैं, कमल का उल्टा फूल इसका आधार है जोकि बौद्ध धर्म का प्रतीक है,यह संसारिक जीवन को गंदे पानी का प्रतिनिधित्व करता है,

फिर इसके उपर एक ड्रम रूपी भाग है जिसे abacus कहते हैं,जिस पर चार जानवरों के चित्र की नक्काशी से उकेरे गये है, जोकि चारों दिशाओं का घोड़ा (पश्चिम), बैल ( पूर्व में), हाथी ( दक्षिण में), और सिंह ( उत्तर में) प्रतिनिधित्व करते हैं. और साथ ही 24 तिलियों वाले चक्र भी हैं जो प्रतेक जानवर के बीज में स्थित है, जोकि अस्तित्व के कभी ना खत्म होने वाले चक्र को दर्शाते हैं. और इसके ऊपर प्रत्येक दिशा की और सिंह स्थित  हैं, इनके शीर्ष पर एक और चक्र हैं यह तीनों भाग मिलकर सिंह राजधानी बनाते हैं जिसे अंग्रेज़ी में the Lion capital of Ashoka कहा जाता हैं.

Who Build The Ashoka Pillar At Sarnath ?-सारनाथ अशोक स्तम्भ किसने बनवाया ?

प्राचीनकाल में अशोक एक शक्तिशाति और निर्दयी सम्राट था और अशोक की क्रूरता के प्रमाण बौद्ध धर्म के साहित्यों में मिलते हैं, मगर कालिंग युद्ध में हुए रक्तपात को देख उसके मन में अहिंसा के प्रति घिरह्ना आगयी और  युद्ध के बाद उन्होंने बौद्ध धर्म को ग्रहण कर लिया जिसके प्रचार और प्रसार के लिए अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संगमित्रा को श्रीलंका भी भेजा. और धर्म के सिद्धांतों के प्रसार के लिए स्तंभ बनवाए. अशोक ने चौरासी हज़ार स्तूपों और स्तंभों का निर्माण मात्र 3 साल में भारत के विभिन्न हिस्सों में कराया जोकि मूर्तिकला की बेजोड़ मिसाल हैं, हम यह कह सकते हैं कि अशोक स्तंभ बौद्ध धर्म के प्रचार के पहिया घूमने का स्मारक हैं जोकि धर्म की अखंडता की दर्शाता है.

What is Written Sarnath Pillar ? -सारनाथ अशोक स्तम्भ पर क्या लिखा है

The Lions Capital of Ashoka के नीचे का पिलर पर जोकि सारनाथ meuseum में अपनी असल जगह स्थित है उस पर अशोक द्वारा लिखे गए शिलालेख प्राचीन भाषा में लिखे मिलते हैं जिनका अर्थ यह है कि “कोई भी भिक्षुओ के क्रम में विभाजन का कारण नहीं बनेगा ” जिससे कि हमें बौद्ध धर्म में विविधता के ज्ञान की जानकारी प्राप्त होती है.

How Many Lions in Ashoka Pillar ?-अशोक स्तम्भ में कितने शेर है

सारनाथ के अशोक पिलर पर चार नरसिम्हा सिंह मुँह खोले हुए  हैं जोकि बुद्ध शब्द के पर्यायवाची होते हैं, जब गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति होगयी तो उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए भिक्षुओं को चारों दिशा में भेजा था यह भी माना जाता है कि चार सिंह चारों दशाओं को दर्शाते हैं. दूसरा कारण यह है कि सिंह राजस्य और नेतृव का प्रतीक होता है जोकि अशोक सम्राट की और इशारा करते हैं. वहीं दूसरी और यह साहस, बहादुरी, शौर्य का प्रतीक है.

Signifance of Ashok Pilar.-अशोक स्तम्भ का महत्व

अशोक स्तंभ सारनाथ भारत के चित्रकला और वास्तुकला का अनुठा उधारण है, हमारे यहाँ ज्ञान और कला की कमी कभी नहीं रही यह इस बात को सिद्ध करता है कि वास्तुकला, नक्काशी और चित्रकला आदि भारत प्राचीन काल से ही चलता आरहा है. सारनाथ के अशोक स्तंभ के शिलालेख द्वारा प्रमाणित होता है कि बौद्ध धर्म का प्रचार और प्रसार भारत से 3BC से शुरू हुआ था. और सारनाथ के स्तंभ को भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप The Lions Capital of Ashok को लिया गया है, और अशोक चक्र को राष्ट्रीय ध्वज में लिया गया है. इसलिए सारनाथ का अशोक स्तंभ का हमारे लिए विशेष महत्व रखता है.

Conclusion

आज के इस ब्लॉग के जरिए आपने Ashok Pillar At Sarnath से सम्बंधित सभी जानकारी जैसे Signifance of Ashok Pilar, What is Written Sarnath Pillar , Who Build The Ashoka Pillar आदि के बारे में जाना। साथ ही आपने What is Written Sarnath Pillar, How Many Lions in Ashoka Pillar का भी जाना । हम उम्मीद करते है, कि आपको सभी जानकारी मिल चुकी होगी। अगर आपको ब्लॉग पसंद आया तो अपने दोस्तो में जरूर शेयर करें।

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