Annapurna Temple Varanasi : अन्नपूर्णा माता मंदिर

अन्नपूर्णा देवी की पूजा हिंदुओं द्वारा की जाती है जो हिंदुओं के लिए अत्यधिक पूजनीय हैं मां अन्नपूर्णा को अन्नदा के नाम से भी जाना जाता है इन्हें भोजन धन पोषक तत्व और खाद्य संसाधन की देवी माना जाता है मां अन्नपूर्णा विश्व भर में अन्य नामों से विख्यात हैं इन्हें विशाल लक्ष्मी, विश्व शक्ति, रेनू पार्वती कुमारी आदि नामों से जाना जाता है मां अन्नपूर्णा अक्षय पात्र और कर्ज़ फुल वस्त्र धारण की है मां अन्नपूर्णा का मंत्र है –

ॐ अन्नपूर्णा सदा पूर्णा शंकर प्राण वल्लभी ज्ञान विज्ञान सिद्ध धर्म भिक्षम देही पार्वती। 

अन्नापूर्णा जयंती को मां अन्नपूर्णा के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।      

अन्नापूर्णा मंदिर के बारे में (Annapurna Mandir Varanasi)

बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूर पर माता अन्नपूर्णा का मंदिर स्थित है। मां अन्नपूर्णा को तीन लोकों की माता माना जाता है, यहां की लोक मान्यता है कि मां से स्वयं भगवान शिव ने अन्न की भिक्षा ली थी। तब से लोग मां अन्नपूर्णा के मंदिर से अन्न की भिक्षा लेकर जाते हैं तथा लोगों में यह मान्यता भी है की भिक्षा को घर में रखने से कभी भी अन्य की कमी नहीं होती है । मां अन्नपूर्णा की दीवारों पर कुछ चित्र चित्रित हैं एक चित्र में देवी कलछी लि हुई है अन्नपूर्णा मंदिर के प्रांगण में अन्य मूर्तियां भी स्थापित है जिनमें मां काली, शंकर पार्वती और नरसिंह भगवान का मंदिर है अन्नकूट महोत्सव पर मां अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन भक्त 1 दिन के लिए कर सकते हैं अन्नकूट महोत्सव पर मां अन्नपूर्णा का भव्य श्रृंगार किया जाता है तथा उन्हें विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है और मां का खजाना भक्तों के लिए खोल दिया जाता है यहां पर आए भक्तों को खजाने के रूप में चावलो का पुजारी जी द्वारा भक्तों में वितरण किया जाता है यह भी मान्यता है कि जिन भक्तों को यह खजाना प्राप्त होता है उन्हें कभी भी अन्य और धन की कमी नहीं होती है और मां का आशीर्वाद सदा उन पर बना रहता है मां अन्नपूर्णा मंदिर के प्रांगण के दूसरे भाग में मंदिर का एक ऐसा भाग्य स्थित है जहां पर दूर-दूर से आए भक्त मां अन्नपूर्णा का प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।                             

अन्नपुर्णा मंदिर कहां स्थित है (Where is Annapurna temple based)

अन्नपूर्णा देवी मंदिर वाराणसी के विशेश्वरगंज में स्थित है विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर के उत्तर पश्चिम में 15 मीटर, मणिकर्णिका घाट से 350 मीटर पश्चिम, जंक्शन रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दक्षिण पूर्व और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से 4.5 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है।  

अन्नपूर्णा माता मंदिर (Annapurna Temple, Varanasi)

अन्नपूर्णा मंदिर का इतिहास (History of Annapurna mandir in hindi)

 मां अन्नपूर्णा मंदिर का इतिहास 300 वर्ष पुराना है इस मंदिर में बाजीराव पेशवा द्वारा सन 1725 मैं मां अन्नपूर्णा की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी मां अन्नपूर्णा की 2 फीट ऊंची मूर्ति की स्थापना की गई थी। सन् 1913 में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति मंदिर से चोरी हो गई। अन्नपूर्णा मंदिर में मां अन्नपूर्णा की एक सोने की मूर्ति भी है जो सन् 1977 में मंदिर में स्थापित की गई थी , इस प्रतिमा का दर्शन वर्ष में एक बार धनतेरस को होता है और मां अन्नपूर्णा देवी का संबंध उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर से भी माना जाता है अन्नपूर्णा मंदिर में आदि शंकराचार्य ने अन्नपूर्णा स्तोत्र रचनाकर वैराग्य प्राप्ति की कामना की थी .

अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे, ज्ञान वैराग्य सिद्धार्थ भिक्षा देही च पार्वती।  

मंदिर की बनावट (Architecture of Annapurna temple)

अन्नपूर्णा मंदिर का निर्माण, कलाकृतियां एवं गुंबद पूर्णता दक्षिण भारतीय वस्त्र शैली का है मंदिर का प्रवेश द्वार हाथियों कि 4 मूर्तियों से सुशोभित है और मंदिर का स्थापत्य वैभव इसे सभी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता है।     

अन्नपूर्णा मंदिर कैसे पहुंचे (How to reach Annapurna temple Varanasi)

अन्नपूर्णा मंदिर की हिंदुओं में अत्यधिक मान्यताएं हैं अन्नपूर्णा मंदिर तीर्थ यात्रियों के लिए एक जगह होने के अलावा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है अन्नपूर्णा मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से यात्रिय काशी में आते हैं और अन्य साधनों की सहायता से मंदिर तक जाते हैं। ट्रेनों द्वारा अन्नपूर्णा मंदिर के आसपास वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन तथा वाराणसी रेलवे स्टेशन स्थित है वाराणसी जंक्शन रेलवे से इसकी दूरी 5.9 किलोमीटर है तथा वाराणसी रेलवे स्टेशन से अन्नपूर्णा मंदिर की दूरी 4.3 किलोमीटर है बस द्वारा अन्नपूर्णा मंदिर के पास चौधरी चरण सिंह बस स्टैंड है जहां से मंदिर की दूरी 4.2 किलोमीटर बस द्वारा जाने पर 21मिनट का समय लग जाएगा । टैक्सी द्वारा अन्य रास्तों से यात्री अन्नपूर्णा मंदिर टैक्सी द्वारा जाते हैं कैंट के रास्ते जाने पर उन्हें 27 मिनट का समय लगता है और मंडुवाडीह के रास्ते जाने पर 24 मिनट का समय लगता है ।

अन्नपूर्णा मंदिर जाने का अच्छा वक्त (Best time to visit Annapurna mandir)

Annapurna temple varanasi timings- काशी स्थित अन्नपूर्णा मंदिर साल में केवल 4 दिन ही खुलता है धनतेरस से अन्नकूटमहोत्सव तक ही भक्तों काशी में अन्नपूर्णा मां के दर्शन कर सकते हैं। और मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Translate »