जैन घाट वाराणसी का प्रसिद्ध घाट है। जैन घाट को वछराज घाट के नाम से जाना जाता है। यह घाट पूजा पाठ और स्नान के लिए उपयोग में लिया जाता है।
वछराज घाट का निर्माण 1790 में वाराणसी के एक धनी व्यापारी ने करवाया था। इन्ही व्यापारी के नाम पर इस घाट का नाम वछराज घाट पड़ा था। वर्ष 1931 से पहले तक जैन घाट वछराज घाट का ही हिस्सा था। यह स्थान जैन धर्म के लोगो के लिए भी विशेष महत्व रखता है ,क्योंकि उनके सातवें जैन तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ का जन्म इस स्थान पर हुआ था। जैन धर्म की धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए बाबू शेखर चंदा ने वछराज घाट के साथ ही जैन घाट की स्थापना कर दी थी। अब यह घाट जैन घाट व् वछराज घाट दोनों के नाम से जाना जाता है।
जैन घाट के निकट मुख्य आकर्षण
घाट /वछराज घाट के निकट घूमने के लिए अनेक स्थान है। यह सभी स्थान घाट /वछराज घाट के निकट आकर्षण का मुख्य केंद्र है।
गणेश मंदिर
शिव मंदिर
गंगा मंदिर
गोपाल मंदिर
अक्रुरेश्वरा मंदिर
जैन घाट घूमने का उत्तम समय
जैन घाट व् वछराज घाट घूमने का सबसे उत्तम समय मार्च से जून के बीच का समय है क्योंकि इस समय यहाँ न ज्यादा गर्मी होती है और न ज्यादा सर्दी होती है।
कैसे पहुंचे वछराज घाट
बस द्वारा, चौधरी चरण सिंह बस अड्डे से जैन घाट व् वछराज घाट पंहुचा जा सकता है। चौधरी चरण सिंह बस अड्डे से जैन घाट /वछराज घाट की दूरी 5 किलोमीटर है।