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Varanasi Ghumne Ki Jagah List:हिन्दू धर्म के पवित्र शहरों में से एक है “वाराणसी”। इसे ‘बनारस’ और ‘काशी’ भी कहते हैं। यह भारत का आधयात्मिक राजधानी भी कहा जाता है। इसके साथ ही बौद्ध एवं जैन धर्म में भी यह एक महत्वपूर्ण शहर है। वाराणसी दुनिया के प्राचीन बसे शहरों में से एक है। इस शहर की सुंदरता देखने लायक है। वाराणसी में घूमने के लिए अनेक घाट में मंदिर है। इसलिए वाराणसी में वर्षभर हजारों भारतीय व विदेशी पर्यटक आते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं Varanasi में ऐसे कौन से 15 स्थान है जो कि आप घूम सकते हैं।
1. काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple)
काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे पुराने और पवित्र मंदिरों में से एक है । वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी विश्वनाथ प्रभु महाकाल का परमधाम है। यदि आप एक बार यहां आते हैं तो यहां की सुंदरता और वास्तुकला देखकर आपका मन प्रसन्न हो जाएगा।
पुराणों के अनुसार जो भी व्यक्ति जीवन में एक बार बाबा के दर्शन कर लेता है उसको मोक्ष प्राप्त हो जाता है। यहां मौजूद पवित्र मां गंगा में स्नान के बाद मनुष्य के सभी कष्ट और पाप धुल जाते हैं।
यात्रा का उत्तम समय – शिवरात्रि और रंगभरी एकादशी
दूरी (Distance):
लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट (वाराणसी एयरपोर्ट) से काशी विस्वनाथ की दुरी : 25.6 KM,
वाराणसी रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर की दुरी : 4.5 KM,
वाराणसी बस स्टैंड से काशी विश्वनाथ मंदिर की दुरी : 4 कम
2- अस्सी घाट
Varanasi Ghat के बारे में आप जानते ही होंगे यहां पर एक से बढ़कर एक दिव्य माहात्म्य वाले घाट्स है। अस्सी घाट Varanasi me ghumne ki jagah में से एक विशेष स्थान है। अस्सी घाट वाराणसी की भीड़ भाड़ वाली गलियों से अलग एक शांतिपूर्ण वातावरण युक्त जगह है।
तीर्थयात्री अस्सी घाट पर आकर पवित्र गंगा नदी में स्नान कर सकते हैं। यहाँ अनेक सीढ़ियां है जहां आराम कर सकते हैं साथ ही साथ यहां मौजूद शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं।
ग्रंथों के अनुसार यह वह स्थान है जहां पूज्य संत तुलसीदास अपनी मृत्यु से पहले सेवानिवृत्त हुए थे।
उत्तम समय – सुबह और शाम का समय
दूरी–
वाराणसी एयरपोर्ट से अस्सी घाट की दूरी :28.4 Km
वाराणसी रेलवे स्टेशन से अस्सी घाट की दूरी : 6.4 Km
वाराणसी बस स्टैंड से अस्सी घाट की दूरी : 7.1 कम
3- दशास्वमेध घाट
दश्वामेध घाट दर्शको के लिए बेहद लोकप्रिय है। दश्वामेध घाट पर वाराणसी की सबसे जीवंत आरती होती है।
दश्वामेध घाट पर सूर्यास्त के समय असंख्य संख्या में दीपक जलाए जाते हैं। सूर्यास्त के समय दर्शकों के लिए घाट का दृश्य देखने लायक होता है।
पुराणों के अनुसार यही वह स्थान है जहां भगवान ब्रह्मा द्वारा यज्ञ करने के लिए 10 घोड़ो की बलि दी गई थी।
यहां पहुंच कर आप Ganga aarti in varanasi (संध्या आरती) में भाग ले सकते हैं, मां गंगा में स्नान कर सकते हैं और साथ ही साथ नौका विहार कर सकते हैं। इसके अलावा फोटोग्राफी भी कर सकते हैं.
उत्तम समय – सूर्यास्त का समय
दूरी :
वाराणसी एयरपोर्ट से दश्वामेध घाट की दूरी : 25Km
वाराणसी रेलवे स्टेशन से दश्वामेध घाट की दूरी : 4.3Km
वाराणसी बस स्टैंड से दश्वामेध घाट की दूरी : 5.5Km
4- सारनाथ
सारनाथ विश्व भर में बौद्ध धर्म के एक विशिष्ट तीर्थ स्थल में से एक है। सारनाथ वह स्थान है जहां पर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। सारनाथ में हरे भरे बगीचों के बीच सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए कई स्तूप देखने के लिए मिल जाएंगे जैसे कि धमेक स्तूप ,धर्म राज्य का स्तूप चौखंडी स्तूप आदि।
बौद्ध धर्म के दर्शकों के लिए यह स्थान काफी ज्यादा महत्व रखता है।
उत्तम समय – अक्टूबर से मार्च
दूरी:
लाल बहादुर शास्त्री (वाराणसी ) एयरपोर्ट से दूरी – 25 किलोमीटर ,रेलवे स्टेशन से दूरी 7 किलोमीटर , बस स्टैंड से 8.5 किलोमीटर ।
वाराणसी एयरपोर्ट से सारनाथ की दूरी : 25Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से सारनाथ की दूरी : 7Km
Varanasi बस स्टैंड से सारनाथ की दूरी : 8.5Km
5: मणिकर्णिका घाट
गंगा नदी के तट पर स्थित मणिकर्णिका घाट वाराणसी स्थित सभी घाटों में से सबसे सुंदर घाट है।
मां गंगा की बहती धारा यहां देखने योग्य है।
धार्मिक ग्रंथों में मणिकर्णिका घाट को लेकर कई किवदंती बनती है जैसे कि -मणिकर्णिका घाट वह स्थान है जहां देवी सती ने स्वयं को आग लगाई थी। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म स्थान भी यही है।
भगवान शिव ने माता सती की कान की खोई हुई बाली को को ढूंढने के लिए यहां पर एक कुआं भी खुदा था। जो की आज भी मौजूद है। मणिकर्णिका घाट पर हजारों तीर्थयात्री अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए आते हैं।
उत्तम समय – दिन में कभी भी आ सकते हैं।
दूरी –
वाराणसी एयरपोर्ट से मणिकर्णिका घाट की दूरी : 25.8 Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से मणिकर्णिका घाट की दूरी : 4.7 Km
Varanasi बस स्टैंड से मणिकर्णिका घाट की दूरी : 4.5 Km
6: राम नगर किला (Ramnagar Fort)
राम नगर का किला माँ गंगा के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक ईमारत है। इसका निर्माण राजा बलबंत सिंह ने करवाया था।
तुलसी घाट के सामने स्थित इस किले में भव्य संग्राहलय भी है।
यहाँ आपको मुग़ल वास्तु कला का बेहद सूंदर काम देखने के लिए मिल जायेगा। यह अनेक प्रकार के फुब्बारे भी देखने के लिए मिल जायेगे।
उत्तम समय – राज मंगल और दशहरा
दूरी :
वाराणसी एयरपोर्ट से राम नगर किला की दूरी : 31 Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से राम नगर किला की दूरी : 10Km
Varanasi बस स्टैंड से राम नगर किला की दूरी : 9.5 Km
7- तुलसी मानस मंदिर
1864 में ठाकुर सुरेख दास ने तुलसी मानस मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर संगमरमर से बना हुआ है।
मंदिर में रामायण के दृश्यों को दिखाते हुए बेहद खूबसूरत नक्काशी की हुई है। मंदिर की वास्तुकला देखने वालो को मंत्रमुग्द कर देती है।
ऐसा कहा जाता है की इसी स्थान पर तुलसीदास जी ने राम चरित्र मानस को लिखा था।
उत्तम समय – जून से अगस्त
दूरी :
वाराणसी एयरपोर्ट से तुलसी मानस मंदिर की दूरी : 28 KM
Varanasi रेलवे स्टेशन से तुलसी मानस मंदिर की दूरी : 6.3Km
Varanasi बस स्टैंड से तुलसी मानस मंदिर की दूरी : 6.4 Km
8: संकट मोचन हनुमान मंदिर
संकट मोचन हनुमान मंदिर अस्सी घाट पर स्थित है। यह मंदिर वाराणसी के प्राचीन मंदिरो में से एक है।
इसका निर्माण पंडित मदन मोहन मालवीय ने करवाया था। यहाँ पर भगवान् राम के साथ साथ हनुमान की प्रतिमा भी स्थापित है।
यहाँ आपको बहुत अधिक मात्रा में बंदर भी देखने के लिए मिल जायेगे।
उत्तम समय – दिवाली के समय
दूरी :
वाराणसी एयरपोर्ट से संकट मोचन हनुमान मंदिर की दूरी : 28Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से संकट मोचन हनुमान मंदिर की दूरी : 8Km
Varanasi बस स्टैंड से संकट मोचन हनुमान मंदिर की दूरी : 6Km
9: विश्वनाथ गली
विश्वनाथ गली वाराणसी पहुंचे पर्यटकों के लिए बेहद खास स्थान है। यहाँ आप तरह तरह के व्यंजनों का स्वाद ले सकते है।
साथ ही साथ यहां से आप वाराणसी साड़ी की खरीदारी भी कर सकते है।
इसके अलावा यहां डिज़ाइनर कालीन, कढ़ाई वाले शाल, गहने, और भगवान् की मूर्तियाँ भी मिलती है
उत्तम समय – यहां आप कभी भी आ सकते है।
दूरी:
वाराणसी एयरपोर्ट से विश्वनाथ गली की दूरी : 25Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से विश्वनाथ गली की दूरी : 4.3Km
Varanasi बस स्टैंड से विश्वनाथ गली की दूरी : 4 Km
10: गोदौलिया बाजार
गोदौलिया मार्किट काशी विश्वनाथ मंदिर के आस पास 3 Km क्षेत्र में फैली हुई है। यहाँ पर आपको सभी तरह की दुकाने देखने के लिए मिल जाएगी।
यहाँ सबसे अधिक रेशम की कढ़ाई की दुक़ान है। साथ साथ यहाँ से आप तरह तरह के कालीन, जरी के काम के कपडे, हस्तकला की वस्तुएँ, मोती, कंगन, जूते आदि भी खरीद सकते है।
उत्तम समय – यहाँ आप कभी भी आ सकते है ।
दूरी :
वाराणसी एयरपोर्ट से गोदौलिया बाजार की दूरी : 25 Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से गोदौलिया बाजार की दूरी : 3.9 Km
Varanasi बस स्टैंड से गोदौलिया बाजार की दूरी : 3.7 Km
11: नमो घाट
नमो घाट काशी नगरी की आधुनिकता का बेहद ख़ूबसूरत प्रतिक है। यहाँ पर बेहद खूबसूरत तीन नमस्ते प्रतिमाएँ है। यह प्रतिमाएँ करीब 25 फुट ऊंचाई पर है। नमो घाट पर स्थित ये प्रतिमाएँ आपको जरूर पसंद आएगी। इन नमस्ते प्रतिमाओं के कारन ही इस घाट का नाम नमो घाट पड़ा है।
उत्तम समय – दिन में कभी भी जा सकते है।
दूरी:
वाराणसी एयरपोर्ट से नमो घाट की दूरी : 26Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से नमो घाट कीदूरी : 6Km
Varanasi बस स्टैंड से नमो घाट की दूरी : 6Km
12.दीन दयाल हस्तकला शंकुल
यदि आप वाराणसी आये और हस्तकला शंकुल नहीं गए तो आपका यह ट्रिप अधूरा है। हस्तकला संकुल काशी की सुंदरता में चार चाँद लगाने वाला दर्शनीय स्थान है। यहाँ आपको वाराणसी की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत 3 डी चित्रण भी देखने के लिए मिलेगा।
यहाँ से आप हैंडलूम , बनारसी साड़ी , कढ़ाई वाले शाल आदि चीज़े भी खरीद सकते हैउत्तम समय – सुबह 9 से शाम 5 तक
दूरी :
वाराणसी एयरपोर्ट से दीन दयाल हस्तकला शंकुल की दूरी : 18Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से दीन दयाल हस्तकला शंकुलकी दूरी : 7.5
Varanasi बस स्टैंड से दीन दयाल हस्तकला शंकुल की दूरी : 8.6Km
13: काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी (B.H.U.)
काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी को बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ आपको वास्तुकला और हरियाली का बहुत ही प्यारा संगम देखने के लिए मिलेगा। यूनिवर्सिटी का कैंपस 1300 एकड़ जमीन में फैला हुआ है।
यहाँ आप वाराणसी का शैक्षिक इतिहास जान सकते है।
उत्तम समय – सुबह 10 से शाम 4 तक
दूरी:
वाराणसी एयरपोर्ट से काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी की दूरी : 47Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी की दूरी : 9Km
Varanasi बस स्टैंड से काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी की दूरी : 9.1
14: रुद्राक्ष कन्वेक्शन सेंटर
यदि आप वाराणसी आये तो रुद्राक्ष कन्वेक्शन सेंटर जरूर जाये। यहाँ का इंफ्रास्ट्रक्चर देख कर आप दांतो तले ऊँगली जरूर दबा लेंगे।
2 .87 हेक्टेयर भूमि पर फैला हुआ कन्वेक्शन सेंटर एक 2 मंजिला ईमारत है। इसमें करीब 1200 लोग बैठ सकते है और 120 गाड़ियों के लिए पार्किंग की जगह है।
यहाँ पर 108 रुद्राक्ष स्थापित किये गए है और इसकी छत शिवलिंग के आकार की है। उत्तम समय – सुबह 9 से शाम 5 तक
दूरी:
वाराणसी एयरपोर्ट से रुद्राक्ष कन्वेक्शन सेंटर की दूरी : 24Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से रुद्राक्ष कन्वेक्शन सेंटर की दूरी : 2.7Km
Varanasi बस स्टैंड से रुद्राक्ष कन्वेक्शन सेंटर की दूरी : 2Km
15: अलकनंदा क्रूज टूर
काशी के घाटों को घूमने के लिए अलकनंदा क्रूज टूर एक बेहद अच्छा ऑप्शन है। अलकनंदा क्रूज करीब 2000 फुट वर्ग का अत्याधुनिक क्रूज है।
यह क्रूज डबल डेकर है। इसमें नीचे 60 लोग बैठ सकते है और ऊपर 130 लोग बैठ सकते है।
आप यहाँ कई तरह के व्यंजन का लुत्फ़ भी उठा सकते है। वाराणसी आ कर सिर्फ 900 रूपए खर्च करके आप यह क्रूज टूर कर सकते है।
उत्तम समय – सुबह ए क्रूज – सुबह 7 से 9:30 और शाम ए क्रूज – शाम 5 से 6:30 तक
दूरी:
वाराणसी एयरपोर्ट से अलकनंदा क्रूज टूर की दूरी : 29Km
Varanasi रेलवे स्टेशन से अलकनंदा क्रूज टूर की दूरी : 7.3Km
Varanasi बस स्टैंड से अलकनंदा क्रूज टूर की दूरी : 6.7Km
वाराणसी, उत्तर प्रदेश में इनके अलावा भी बहुत सारे स्थान है जहां आप घूम सकते है।
FAQs
Q: Varanasi to gaya distance?
Ans: varanasi se gaya ke beech ki duri lagbhag 250Km hai.
Q: Varanasi to Vindhyachal distance?
Ans: Varanasi se Vindhyachal ke beech ki duri lagbhag 65 Km hai.
Q: काल भैरव मन्दिर, वाराणसी (Kaal bhairav mandir varanasi)
Ans: वाराणसी का काल भैरव मन्दिर जिसे काशी कोतवाल भी कहा जाता है वाराणसी कैंट स्टेशन से 3km की दुरी की दुरी पर शहर के उत्तरी भाग में स्थित है। इस मंदिर का माहात्म्य यह है की बाबा भोलेनाथ ने काल भैरव जी को काशी का क्षेत्रप या कोतवाल नियुक्त किया था जिन्हे काशीवासियों को दंड देने का अधिकार था। यहां मंगलवार के दिन विशेष भीड़ रहती है यहां का आरती बहुत कर्णप्रिय होता है। यहां पर लोग भूत-पिसाचो के उपचार के लिए आते है।
Q: Lanka, Varanasi
Ans: लंका, वाराणसी शहर में एक महत्वपूर्ण स्थान है जो BHU (Banaras Hindu University) के सामने स्थित है, यहां से गंगा घाट्स पास में ही है। बहुत से शॉपिंग सेंटर्स, दुकाने और खाने पीने की चीजे यहां मिलते है। यह एक अच्छा आवासीय एरिया भी है जहा कई सारे कॉलोनीज भी है।
Q: Harishchandra Ghat
Ans: Why Harishchandra Ghat is famous?
यह पवित्र शहर काशी के सबसे प्राचीन घाटों में से एक है और इसका नाम सत्यवादी राजा हरीशचंद्र के नाम पर रखा गया है। ऐसी मान्यता है कि राजा ने एक बार सत्य और दान की संकल्प के लिए इस घाट पर काम किया था। देवता उनके इस काम से अत्यंत प्रसन्न हुए और उनका खोया हुआ राजपाट और उनका पुत्र वापस उन्हें मिल गया। पुराने समय से इस घाट पर शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। ऐसा कहा जाता है यहां संस्कार किये गए शव मोक्ष को प्राप्ति होते है और जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति पा जाते है।
Q: Varanasi sightseeing
Ans: वाराणसी में बहुत से रमणीय स्थान है। जिनमे बहुत से ऐतिहासिक और पौराणिक स्थान है। जिनमे काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा के घाट, मनमोहक गंगा आरती, नौका विहार, बनारस की गालिया, मंदिर, सारनाथ इत्यादि मुख्य स्थान है।
Q: वाराणसी के पास झरने (Falls near Varanasi)
Ans: Varanasi se 100 km के अंदर बहुत से खूबसूरत झरने है जिसमे से प्रमुख झरने है। Rajdari waterfalls, Devdari waterfalls, Lakhaniya Dari Waterfall, Vindham Waterfalls, Mukkha Falls, Tanda Falls