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Toggleसंकट मोचन मंदिर, वाराणसी
मंदिर वह स्थान होता है, जहाँ कोई भी भक्त अपने आराध्य भगवान को अपनी विनय सुना सकता है। हिंदू धर्म मे 33 कोटि देवी – देवताओं का वर्णन मिलता है। माता सीता ने हनुमान जी को अजर और अमर होने का वरदान दिया था। कुछ किवदंतियो के अनुसार हनुमान जी कलयुग में भी पृथ्वी पर ही वास करते हैं।
संकट मोचन मंदिर के बारे में (About Sankat Mochan Mandir)
संकट मोचन हनुमान मंदिर, भगवान हनुमान के प्रमुख मंदिरों मे से एक हैं, जो वाराणसी जिला, उत्तर प्रदेश मे स्थित है। यह पवित्र मंदिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के समीप दुर्गा मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले नए मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय ने सन् 1900 ई० मे कराया था।
संकट मोचन मंदिर का इतिहास (History of Sankat Mochan Mandir)
यह मंदिर बहुत ही प्राचीन हैं। माना जाता हैं कि इस मंदिर की स्थापना कवि तुलसीदास जी ने की थी। इसी जगह गोस्वामी तुलसीदास जी को पहली बार हनुमान जी का स्वप्न आया था ।
संत तुलसीदास अपने जीवन के अंतिम दिनों मे अपने हाथ (भुजा) के असहनीय दर्द से पीड़ित थे। तब इसी मंदिर में उन्होंने हनुमान जी के संकट मोचन स्वरूप का ध्यान कर ” हनुमान बाहुक ” की रचना की थी।
7 मार्च 2006 को वाराणसी में आतंकवादी हमले हुए, जिसमे तीन बम विस्फोट हुए थे। उनमे से एक बम विस्फोट इसी मंदिर के पवित्र परिसर मे हुआ था। उस दौरान मंदिर में संकट मोचन आरती चल रही थी। इस विस्फोट में 10 लोग मारे गए थे। विस्फोट के बाद वहाँ उपस्थित भीड़ ने एक दूसरे की सहायता की। और अगले दिन फिर से श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के साथ मंदिर मे पूजा पुनः आरंभ हुई।
संकट मोचन मंदिर में दर्शन करने का समय (Darsan Timing)
महाप्रभु का यह धाम सुबह 5 बजे भक्तो के लिए खुल जाता हैं, और रात के10 बजे तक भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर सकते हैं। दोपहर के 11:30 से 3 बजे तक मंदिर के कपाट बंद रहते हैं।
हनुमान जी के इस मंदिर में दिन में दो बार आरती होती हैं प्रातः आरती 4 बजे और संध्या आरती रात के 9 बजे होती हैं।
संकट मोचन मंदिर क्यों प्रसिद्ध है (Why sankat mochan is famous)
इस पौराणिक की मंदिर एक अद्भुत विशेषता यह है कि भगवान हनुमान की मूर्ति की स्थापना इस प्रकार हुई हैं कि वह भगवान राम की ही ओर देख रहे है, एवं श्री रामचन्द्र के ठीक सीध मे संकटमोचन महाराज का विग्रह हैं, जिनकी वे निः स्वार्थ भाव से सेवा करते प्रतीत होते हैं। भगवान हनुमान जी की मूर्ति की विशेषता यह भी है कि यह मूर्ति मिट्टी की बनी है। परंपराओ की माने तो कहा जाता है कि मंदिर मे नियमित रूप से आगन्तुकों पर भगवान संकट मोचन की विशेष कृपा होती है।
यहाँ पर हुए आतंकी हमलो के बाद भी लोगों की अटूट श्रद्धा मंदिर के प्रति आज भी बनी हुई है।
संकट मोचन मंदिर कैसे पहुंचे (How to reach at Sankat Mochan Mandir)
संकट मोचन मंदिर जाने के लिए आप काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पास वाले दुर्गा मंदिर और नए विश्वनाथ मंदिर जाने वाले मार्ग पर जाना पड़ेगा। आप यहाँ जाने के लिए निजी वाहन के साथ साथ टैक्सी और ऑटो की भी मदद ले सकते हैं। यह मंदिर वाराणसी रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टेशन से 8 Km, और अस्सी घाट से 2 Km की दूरी पर स्थित है।
संकट मोचन मंदिर में बन्दर क्यों पाए जाते है (Sankat mochan temple Monkey)
हनुमान स्वरूप में भगवान महादेव ने एक वानर की योनि मे जन्म लिया था। इस मंदिर के आस पास बहुत संख्या में बंदर पाए जाते हैं। ऐसी मनायताएँ हैं कि ये बंदर हनुमान जी की सेना हैं जिनके साथ प्रभु यहाँ निवास करते हैं। बहुत ज्यादा बंदर पाए जाने के कारण इस चमत्कारी मंदिर को “वानर मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है।
संकट मोचन मंदिर का प्रसाद
संकट मोचन का अर्थ होता है, ‘कष्टों को दूर करने वाला’। हनुमान जी इस मंदिर में आये अपने सभी भक्तो के कष्ट दूर कर देते हैं इसलिए इस मंदिर को संकट मोचन मंदिर कहते हैं
भक्त महाप्रभु को प्रसन्न करने के लिए भक्त लाल पेड़ा देसी घी के लड्डू, सिंदूर और तेल का तिलक, श्री हनुमान चालीसा, और तुलसी और फूलो की माला अर्पण करते हैं। जिन्हें भगवान का भोग लग जाने के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद स्वरूप वितरित कर दिया जाता हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार हनुमान जी अपने भक्त के कुंडली में पड़ने वाले मंगल और शनि ग्रह या अन्य किसी भी ग्रह के बुरे प्रभाव को नष्ट कर देते हैं। हर मंगलवार और शनिवार, हजारो की संख्या में मंदिर के बाहर हनुमान जी की पूजा अर्चना करने के लिए कतार मे खड़े रहते हैं।
Sankat Mochan temple inside
मंदिर के अंदर का वातावरण अत्यंत ही शांत और आध्यात्मिकता से भरा हुआ रहता हैं।
मंदिर के पवित्र परिसर मे एक अति प्राचीन कुआँ भी हैं, जो संत तुलसी दास के काल का बताया जाता हैं। श्रद्धालु इस कुए का शीतल जल ग्रहण करते हैं।
यहाँ पर एक विशाल क्षेत्र में तुलसी एवं अन्य वृक्षों को लगाया गया हैं, जिसके आस पास साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता हैं।
हनुमान जयंती पर यहाँ एक विशाल शोभा यात्रा और अनेक भव्य कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है। आप जब भी वाराणसी जाए संकट मोचन हनुमान जी के दर्शन करना ना भूले।