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ToggleGyanvapi Masjid Survey- ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे
ज्ञानवापी मस्जिद उत्तरप्रदेश, वाराणसी में स्थित एक विवादित मस्जिद है। इतिहास के अनुसार औरंगजेब ने भगवान् शिव का विश्वेश्वर मंदिर तोड़ कर इस मस्जिद को बनवाया था।
ज्ञानवापी मस्जिद पर हिन्दू व् मुस्लिम पक्ष के शुरू से ही मतभेद है इस कारण से यहाँ वर्ष 2022 में न्यायालय द्वारा सर्वे करवाया गया।
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का विवरण -Gyanvapi Mosque Survey details
वर्ष 2021, 17 मई को वाराणसी शहर की पांच महिलाओ राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक ने वाराणसी सत्र न्यायालय में याचिका दायर की और कहा की ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर के अंदर गौरी श्रृंगार का नियमित दर्शन की अनुमति दी जाये। जिसकी सुनवाई करते हुए 8 अप्रैल 2022 सिविल जज डिवीज़न ने वकील अजय कुमार मिश्र को कोर्ट कमिशनर नियुक्त किया और मस्जिद में सर्वे करवाने का आदेश दिया।
उसके बाद मस्जिद में प्रथम सर्वे 6 और 7 मई को हुआ तथा दूसरे दौर का सर्वे 14 से 16 मई को हुआ। सर्वे के बाद कोर्ट कमिशनर ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी।
प्रथम सर्वे रिपोर्ट (6 - 7 मई)-First round survey report
प्रथम सर्वे रिपोर्ट करीब 2 से 3 पन्नो की रिपोर्ट थी। इसमें कहा गया था की मस्जिद की उत्तर पश्चिमी दिवार के पास पुराने मंदिरो का मलवा मिला है। मलवे के अवशेषों पर देवी देवताओ की मूर्तियां बानी हुई है। मलवे में कई शिलापट्ट भी देखे गए है जिन पर कमल की आकृति व् देवी देवताओ की आकृति देखी जा सकती है।
मस्जिद में नव निर्मित सीमेंट का चबूतरा भी स्थित है। मस्जिद में पश्चिम की ओर शेषनाग की आकृति पाई गई है। कई ऐसे शिलापट्ट भी पाए गए है जिन पर सिंदूरी रंग की आकृति उभरी हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार यह मालवा मस्जिद की पीछे की दीवारों के अवशेषों जैसा प्रतीत होता है।
द्वितीय सर्वे रिपोर्ट (14 से 16 मई )-Second round survey report
इस सर्वे के दौरान वजू खाने का सर्वे किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार जब वजू खाने का पानी कम किया गया तो एक गोलाकार आकृति दिखाई दी जो की शिवलिंग जैसी प्रतीत हुई। मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया लेकिन जब इस फव्वारा को चला कर दिखाने के लिए कहा गया तो मस्जिद अधिकारी ऐसा न कर पाए।
सर्वे के दौरान जब तहखानों का सर्वे किया गया तो पता चला की तहखानों की छत्त ओर दीवारों पर पान के पत्ते की आकृति के फूल बने हुए है। साथ साथ तहखानों में चार दरवाजे भी है जिन्हे ईंट लगा कर बंद किया गया है।
तहखानों में चार चार खम्भे बने हुए है जिन पर की घंटी, कलश , फूल पत्ती आदि के डिज़ाइन बने हुए है। एक खम्भे पर पुरातन हिंदी में सात लाइन लिखी है। यह लाइन पढ़ पाना बहुत मुश्किल है।
लम्बे दौर के सर्वे के बाद जब रिपोर्ट अदालत में भेजी गई तो अदालत ने मुस्लिम पक्ष को आदेश किया की जब तक निर्णय नहीं आ जाता है तब तक 20 से अधिक लोग मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ सकते है।