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ToggleVaranasi River- वाराणसी की नदियाँ
वाराणसी शहर भारत के उत्तरप्रदेश राज्य का एक समृद्ध शहर है. वाराणसी शहर अपनी समृद्ध विरासत के कारण सम्पूर्ण विश्व में जाना जाता है. वाराणसी शहर गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है. साथ ही साथ यहाँ अनेक मंदिर भी स्थित है. इसलिए वाराणसी एक मुख्य तीर्थस्थान के रूप में भी जाना जाता है.
गंगा नदी वाराणसी की मुख्य जीवन रेखा है. गंगा नदी के अलावा भी वाराणसी शहर में दो अन्य वरुणा और अस्सी नदियाँ बहती है.
ऐसा कहा जाता है की वाराणसी शहर का नाम वरुणा और अस्सी नदी के नाम पर ही पड़ा है.
Varanasi River Name- वाराणसी में स्थित नदियों के नाम
गंगा नदी-River Ganga in Varanasi
गंगा नदी गढ़वाल में हिमालय के गौमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद से निकलती है. गंगोत्री से निकलने के बाद गंगा नदी उत्तर की दिशा में बहती है और करीब 3, 892 किलोमीटर का सफर तय करती है.
गंगा नदी वाराणसी में गंगापुर के बेतवर गांव से आरम्भ होती है. उसके बाद यह मिर्ज़ापुर और चंदौली होते हुए आगे बढ़ती है. गंगा नदी की धारा वर्ष भर अर्धवृताकार रूप में बहती है. इसके बाहरी भाग के ऊपर करारे पड़ते है और भीतरी भाग में बालू तथा बाढ़ की मिटटी मिलती है. इस तरह से उत्तरमुखी होकर गंगा नदी रामनगर तक बहती है. रामनगर से निकलने के बाद उत्तर पूर्व की तरफ मुड़ जाती है.
इस प्रकार से गंगा नदी वाराणसी को पर्यटन, उपजाऊ भूमि, सिंचाई के लिए जल आदि मुहैया करवाती है.
वरुणा नदी-River Varuna in Varanasi
वरुणा नदी वाराणसी की प्रसिद्ध नदी है. वरुणा नदी का नाम जल के देवता वरुण के नाम पर रखा गया है.
वरुणा नदी मुख्य रूप से गंगा नदी की एक छोटी सहायक नदी है. वरुणा नदी प्रयागराज जिले के फूलपुर क्षेत्र से निकलती है और वाराणसी में सराय मोहना के पास गंगा नदी में मिल जाती है.
यह नदी भदोई, मिर्ज़ापुर, जौनपुर होकर बहती है. यह नदी अपने मार्ग में आने वाले क्षेत्रों की जल सम्बन्धी आवश्यकता की पूर्ति करती है.
अस्सी नदी-River Assi in Varanasi
अस्सी नदी वाराणसी में बहने वाली नदी है. वाराणसी शहर को मुख्य रूप से दो संगम का शहर कहा जाता है. एक गंगा और वरुणा का संगम दूसरा गंगा और अस्सी का संगम. इन्ही दोनों संगम के बीच बसा हुआ है वाराणसी शहर.
अस्सी नदी की कुल लम्बाई आठ किलोमीटर है. अस्सी नदी वाराणसी के कंदवा क्षेत्र से निकलती है. कंदवा से निकलने के बाद चितईपुर, करौंदी, कर्मजीतपुर,नेवादा, सराय नंदन, नरिया, साकेत होते हुए अस्सी घाट पर जाकर गंगा नदी में मिल जाती है.
प्राचीन साहित्य में अस्सी नदी व् अस्सी घाट का विशेष महत्व है. अस्सी घाट वह स्थान है जहा तुलसीदास जी ने रामचरित्रमानस लिखी थी.
अस्सी नदी गंगा नदी की सहायक नदी है और अपने अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों की जल पूर्ति करती है.
वाराणसी शहर की खूबसूरती उनमे बहने वाली नदियाँ है. यह सभी नदियाँ वाराणसी को रोजगार, उपजाऊ मिट्टी, सिंचाई सुविधा, जल आवश्यकता की पूर्ति करती है.