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ToggleAnnapurna Mata Mandir Varanasi- वाराणसी का अन्नपूर्णा मंदिर
Annapurna Mandir Kashi
वाराणसी का अन्नपूर्णा मंदिर अन्न की देवी माँ अन्नपूर्णा को समर्पित है, यह शिवजी की पत्नी पार्वती का ही एक स्वरूप है, अन्नपूर्णा मंदिर में माँ अन्नपूर्णा एक हाथ में सोने की करछि लिए और दूसरे हाथ में चावल से भरा कीमती पत्थरों से जडा सोने का पात्र लिए हुए मूर्ति स्थापित है. अन्नपूर्णा माता की रोज़ पूजा करने से कभी अन्न की कमी नहीं होती है, और इसलिए ही अन्नकूट के दिन यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रहती है और इस दिन यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को सोने के सिक्का का वितरण करा जाता है.
Address Of Annapurna Mandir | अन्नपूर्णा मंदिर का पता
अन्नपूर्णा मठ मंदिर, D 9,1, विश्वनाथ गली, गोदौलिया, वाराणसी, उत्तर प्रदेश 221001.
Annapurna temple Varanasi timings | अन्नपूर्णा मंदिर का समय
मंदिर सुबह 4 बजे से 11:30 बजे तक खुला रहता है जबकि शाम को 7 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है. आरती का समय सुबह 4 बजे का है.
Architecture Of Annapurna Mandir | अन्नपूर्णा मंदिर की वास्तुकला
यह मंदिर मराठा पेशवा बाजी राव द्वारा 1729 इस्वी में नागर वास्तुकला की शैली के आधार पर निर्माण किया गया था, मंदिर में बड़े बड़े स्तंभ मंदिर की शोभा में चार चाँद लगाते हैं, दिवाली के अगले दिन अन्नकूट के अवसर पर भारी भीड़ जमा होती है, और इसी दिन सोने से बनी अन्नपूर्णा माँ मूर्ति के दर्शन होते हैं, सोने की मूर्ति के दर्शन साल भर में सिर्फ अन्नकूट के पावन दिन पर ही होते हैं, साल के बाक़ी के दिन पीतल से बनी मूर्ति के दर्शन कर सकते है.
मंदिर के गर्भगृह में पंचायतन तरीके से गणेश, कुबैर, सूर्य, यंकेश्वर् महादेव और हनुमान की मूर्तियाँ रखी हैं, जबकि अन्नपूर्णा माता की सोने की मूर्ति के साथ भू देवी और श्रीदेवी की मूर्तियाँ मंदिर की पहली मंज़िल पर स्थापित हैं.
History Of Annapurna Mandir | अन्नपूर्णा मंदिर का इतिहास
अन्नपूर्णा मन्दिर के पीछे की मान्यता बताई जाती है कि शिव और पार्वती जोकि अन्नापूर्णा देवी का ही एक अवतार हैं, एक बार दोनों बाते कर रहे थे, तभी शिवजी ने कहा कि संसार की हर चीज़ मोह माया है यहाँ तक कि भोजन जो हम खाते हैं वह भी मोह माया है हम बिना भोजन के योग और अभ्यास पर जिंदा रह सकते हैं, पार्वती माँ को यह बात पसंद नहीं आई क्योंकि वह मोह माया की देवी हैं,
उन्होंने भोजन और बाक़ी उपयोगी वस्तुओ की एहमियत बताने के लिए संसार से सब वापिस ले लिया यहाँ तक कि संसार में अकाल पड़ गया ज़मीने बनजर हो गयीं, देवी देवता भी भूख से परेशान हो गए, माँ पार्वती से अपने बच्चों का यह दुख देखा ना गया तो वह अन्नपूर्णा देवी के रूप में काशी में प्रकट हुई और भोजन का वितरण किया, और एक दिन भगवान शिव भी भोजन लेने काशी आये, और उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ. तभी से यहाँ माँ अन्नपूर्णा का मंदिर है.
Trust Of Annapurna Mandir | अन्नपूर्णा मंदिर का ट्रस्ट
अन्नपूर्णा मंदिर समिति द्वारा एक ट्रस्ट भी चलाया जाता हैं जिसके अंतर्गत कई तरह की सेवाएं प्रदान की जाती हैं जैसे की वृद्धाश्रम, महिला शक्तिकरण, मुफ्त शिक्षा, अनाथालय और साल भर सभी के मुफ्त भोजन वितरण किया जाता है ताकि कोई भूखा ना रहे.