Dev Dipawali Varanasi in Hindi- गंगा के किनारे उत्सव व् दीपो का त्यौहार

Dev Diwali Varanasi-देव दीपावली वाराणसी

देव दीपावली वाराणसी का प्रमुख त्योहार है जोकि कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है, यह हिन्दू माह कार्तिक में जब चाँद पुरा दिखाई देखा है तब मनाया जाता है, देव दीपावली वाराणसी में, दिवाली के 15 दिन बाद मनाई जाती है, देव दीपावली दिवाली से बिल्कुल अलग होती है इसे दिवाली ना समझें, वाराणसी का देव दिवाली उत्सव पर गंगा के सभी घाटों को लाखों दियों से सजाया जाता है, इसको त्रिपुरा पूर्णिमा भी कहते है. देव दीपावली वाराणसी के अलावा गुजरात महाराष्ट्र और उत्तरी भारत के कई इलाक़ों में मनाई जाती है. संयोग से देव दीपावली पर गुरु नानक जयंती और जैन लाइट फेस्टिवल भी मनाया जाता है.

Why Does Dev Dipawali Celebrated? |देव दीपावली क्यों मनाई जाती है

मान्यता के अनुसार, देव दीपावली भगवान शिव की दानव त्रिपुरासुर पर जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, त्रिपुरासुर एक दानव था जो संत और ऋषियों को परेशान करता था, शिवजी ने देव दीपावली के दिन ही त्रिपुरासुर का विनाश करा था, इसलिए इस त्रिपुरोत्सव भी कहा जाता है, और इस दिन शिवजी की विशेषकर पूजा होती है, वहीं दूसरी मान्यता है कि ऋषि विश्वामित्र ने अपनी शक्तियों से राजा त्रुशंकु के शरीर को सीधे स्वर्ग में भेज दिया, जिसे स्वर्ग के देवताओं ने स्वीकार नहीं करा और राजा त्रिशंकु को स्वर्ग के द्वार से ही वापस भेज दिया, अब राजा के लिए ना तो पृथ्वी पर कोई जगह रही ना स्वर्ग में वह भटकता रहा, जिसे ऋषि विश्वामित्र को गुस्सा आया और उन्होंने अपनी शक्तियों के द्वारा एक नया ब्रह्मांड बनाने का निर्णय लिया, जिससे सभी देवी देवता भयभीत हो गये और उन्होंने ऋषि विश्वामित्र को मनाया और उनके लिए देव दीपावली का त्योहार बनाया.

Ganga Mahotsav On Dev Dipawali Varanasi | देव दीपावली वाराणसी पर गंगा महोत्सव

देव दीपावली के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु भारत और भारत के बाहर से वाराणसी में आते हैं और देव दीपावली 5 दिन मनाया जाता है जोकि प्रबोधिनि एकादशी से शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होता है, इस दौरान गंगा के घाट पर अलग अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है, जिसमें म्यूजिकल एवेंट भी होता है जिसमें भारत के बड़े बड़े गायक हिस्सा लेते हैं.

इसके अलावा नाव की रेस भी होती है,और आसमान में कैंडलम छोड़े जाते हैं. और समापन के दिन भारतीय आर्मी, नेवी और एयर फोर्स की पारंपरिक प्रस्तुति होती है और इसमें उन शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी होती है. यह सभी कार्यक्रम गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित कराये जाते हैं.

अगर आप पुरे बनारस या वाराणसी को एक बार में देखना चाहते हैं तो देव दीपावली वाराणसी का  गंगा महोत्सव से बढ़कर कोई और अवसर नहीं है. आप गंगा महोत्सव पर बनारस की सांस्कृति, कला और व्यंजनों का लुत्फ़ एक ही जगह उठा सकते हो.

City Of Light Varanasi | प्रकाश का शहर वाराणसी

वाराणसी देव दीपावली के दिन मिट्टी के दिये जलाने की परम्परा 1985 से पंचगंगा घाट से शुरू हुई थी, और अब वराणसी के 87 घाट पर 7 किमी की परिधि में लाखों दिये जलाये जाते हैं, जोकि वाराणसी के रविघाट से राजघाट तक दियों से जलाकर सजाया जाता है इसलिए वाराणसी को city Of light या प्रकाश नगरी से भी जाना जाता है.

Ritual On Dev Dipawali Varanasi | देव दीपावली वाराणसी पर अनुष्ठान

इस उत्सव की शुरुआत गणेश की आरती और 21 ब्राह्मण और 41 कुवारी लड़कियाँ मंत्रों का जाप करती हैं और गंगा में दियों को अर्पित किया जाता है, जिसे दीपदान कहा जाता जाता है, देव दिपावली के दिन गंगा में डुपकी लगाना शुभ माना जाता है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है, स्नान करने से दोष और पाप धुल जाते हैं, ऐसी मान्यता है की देव दीपावली के देवी देवता भी गंगा में स्नान करने आते हैं. और देव दीपावली की शाम गंगा आरती की जाती है जो गंगा घाट आरती जो पुरे विश्व में प्रसिद्ध है.

देव दीपावली पर लोग अपने घरों के बाहर सुंदर सुंदर रंगोलियाँ बनाते हैं और अपने घरों को दियों से सजाते हैं.

Accommodation | आवास

वाराणसी में हर वर्ग के लोग अपने बजट के अनुसार होटल बुक कर सकते हैं, यहाँ पर होटलों में हर प्रकार की सुविधा प्राप्त हो जायेगी, अगर आप देव दीपावली वाराणसी में मनाने की योजना बना रहे है तो आपको पहले से होटल और यातायात के टिकट बुक करना पडेगें.

Conclusion

वाराणसी की देव दीपावली मतलब देवों की दीपावली जो एक पर्व है जीत का, प्रकाश का, वह त्योहार जो वाराणसी को विश्व में एक अलग पहचान देता है, जहाँ दीपों की लो खुशियाँ चमचमाती हैं, यह आर्टिकल था भारत वर्ष की एक और महोत्सव के बारे में, उम्मीद है आपको पसंद आया हो, इसको ज़रूर share करें ताकि लोग वाराणसी के एक और त्योहार देव दीपावली से अवगत हों.

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