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गंगा नदी के तट पर स्थित वाराणसी शहर भारत के प्राचीन शहरों में से एक है। वाराणसी शहर अपने मंदिरो के कारण भारत तथा विश्व भर में जाना जाता है।
वाराणसी तीर्थ स्थानों के अलावा अपने स्वाद के लिए भी प्रसिद्ध है। वाराणसी के व्यंजन वाराणसी की संस्कृति का अटूट हिस्सा है। यहाँ परोसे जाने वाले लज़ीज व्यंजन को चखे बिना वाराणसी को जाना नहीं जा सकता है।
वाराणसी में तैयार किये जाने वाले व्यंजन आज भी पारंपरिक तरीके से तैयार किये जाते है जिस कारण से आज भी इनका पारंपरिक स्वाद बरकरार है और लोग बड़े चाव से खाते है। इस पोस्ट में हम आपको बनारस के प्रसिद्ध व्यंजनों के बारे में और उनको खाने की सबसे बेस्ट जगह के बारे में बतायेगे। आप जब कभी वाराणसी आये तो हमारे द्वारा बताये गए व्यंजनों को खाना न भूले।
Varanasi Famous Food/वाराणसी के प्रसिद्ध व्यंजन
1- कचौड़ी सब्जी
वाराणसी में कचौरी सब्ज़ी सिर्फ़ नाश्ता नहीं है यह बनारस के गलियों के खुश्बू का अनुभव है। जब आप इस आध्यात्मिक शहर की प्राचीन सड़कों पर टहलेंगे, तो कचौरी सब्ज़ी की कुरकुरी महक मंद-मंद आपको महसूस होगा।
इस प्राचीन शहर की चहल-पहल भरी सड़कों पर मिलने वाले कई व्यंजनों में से कचौरी सब्ज़ी एक पसंदीदा नाश्ता विकल्प है।
इस व्यंजन और शहर की खूबसूरती यह है कि जितना आप संकरी गलियों में जाएंगे, उतना ही आप दोनों के प्यार में पड़ जाएंगे।
वाराणसी की पाक परंपराओं में कचौरी सब्ज़ी का एक लंबा और प्रिय इतिहास है। इसे मारवाड़ी समुदाय द्वारा लाया गया था जो कई शताब्दियों पहले बनारस शहर में आकर बस गए थे। माना जाता है कि कचौरी की उत्पत्ति राजस्थान राज्य में हुई थी, जो अपने स्वादिष्ट स्नैक्स और पारंपरिक मिठाइयों के लिए जाना जाता है। कचौरी को शुरू में भोजन को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के तरीके के रूप में बनाया गया था, जिससे यह यात्रियों और व्यापारियों के लिए एक आदर्श विकल्प बनता गया और आज सबका पसंदीदा भोजन है।
कहाँ खाये – राम कचौड़ी भंडार: Katra Ratanlal, Thatheri Bazar, Govindpura, Varanasi, Uttar Pradesh 221001
2- वाराणसी का मलइयो
मलइयो मुंह में पानी लाने वाली देसी मिठाई है जो केवल बनारस में सर्दियों के मौसम (नवंबर के मध्य से मार्च के पहले सप्ताह तक) में बनाई जाती है। यह विशिष्ट और उत्तम मिठाई सदियों से कुछ विक्रेताओं द्वारा सड़कों पर बेचीं जा रही है। मलइयो एक स्वादिष्ट दूध का झाग है जिसे छोटे मिट्टी के कटोरे में पिस्ता और बादाम से सजाकर परोसा जाता है। यह आपके मुंह में घुल जाएगा और आपके स्वाद को एक अलौकिक आनंद देगा। झाग की बनावट बहुत नाजुक, बादलदार और झागदार होती है। इसे विशेष रूप से सुबह 11 बजे तक बेचा जाता है क्योंकि झाग तापमान बढ़ते ही पिघल जाते है। आप जब भी बनारस आये तो यहाँ का मलइयो खाना जरुरी है।
कहाँ खाये – मार्कण्डेय की मलइयो: चौखम्बा रोड वाराणसी
3- टमाटर चाट
टमाटर चाट पूरी तरह से बनारसी खोज है। शुरुआत में टमाटर की चाट बहुत पुरानी और मशहूर दुकान “केशरी दीनानाथ चाट भंडार, चौक” पर बिकती थी। टमाटर की चाट में तीखापन और थोड़ी मिठास का अद्भुत मिश्रण होता है। इसके स्वाद का कोई विकल्प नहीं है। इसका स्वाद लेने का मौका आपको तभी मिलेगा जब आप वाराणसी में हों।
टमाटर चाट बनाने के लिए इसे लोहे के तवे पर पकाया जाता है जिस पर एक चम्मच घी गर्म किया जाता है। फिर वे इसमें हींग, अदरक और हरी मिर्च डालकर अच्छी तरह भूनते हैं। फिर वे सभी पाउडर मसाले डालते हैं जिसमें भुना हुआ जीरा पाउडर, धनिया, हल्दी, काली मिर्च, गरम मसाला, लाल मिर्च, सूखा अमचूर और स्वादानुसार काला नमक डालते है। फिर वे टमाटर प्यूरी के साथ ताजा कटे हुए टमाटर डालते हैं और इसे गल जाने तक पकाते हैं। इसके अलावा इसमें मसले हुए आलू और सफेद मटर भी डाले जाते है।
अंत में पके हुए मिश्रण को मिट्टी के प्याले में परोसा जाता है। मिश्रण के ऊपर एक चम्मच घी और चीनी की चाशनी डाला जाता है। कटा हुआ धनिया भी छिड़कते हैं और थोड़ा नींबू का रस निचोड़ते हैं यह इस नाश्ते को एक अद्भुत बनावट देता है। इसके अलावा, इसे थोड़े से सेव और कुचले हुए गोलगप्पे से गार्निश करके गरमागरम परोसा जाता है। कुछ जगहों पर, आपको इसमें पनीर के टुकड़े भी मिल सकते हैं।
कहाँ खाये – दीना चाट भंडार: Luxa Rd, near PDR mall, Luxa, Varanasi, Uttar Pradesh 221001
4- वाराणसी का पान
बनारसी पान कोई नया नहीं है, बल्कि यह काशी जितना ही प्राचीन है. मान्यता है कि बनारस का पान भोलेनाथ को अति प्रिय है. ऐसा माना जाता है पान का पहला बीज भगवान शिव और माता पार्वती ने हिमालय के एक पहाड़ पर बोया था. इसी वजह से पान के पत्ते को पवित्र पत्ते के रूप में पहचान मिली. आज भी सभी धार्मिक रस्मों में पान के पत्ते का इस्तेमाल होता है.
बनारसी पान दूसरे पान की तरह ही होता है। पान के पत्तों में कत्था, अचार का चूना, सुपारी, सादा तंबाकू और दूसरी चीजें भरी जाती हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि इन सामग्रियों को बनाने और पान के पत्तों में इस्तेमाल करने की प्रक्रिया अलग होती है। बनारसी पान आपके मुंह में डालने से पहले कड़ी मेहनत करता है। इन सामग्रियों को कई दिनों तक भिगोने और छानने और दूसरी प्रक्रियाओं से गुजारने के बाद बनाया जाता है।
कहाँ खाये – केशव ताम्बूल भंडार:Swastik Plaza, Lanka Rd, Near Ravidas Gate, Anandbagh, Lanka, Varanasi, Uttar Pradesh 221005
5- वाराणसी की लस्सी व् ठंडाई
बनारसी लस्सी की अपनी अलग पहचान है. अन्य सॉफ्ट ड्रिंक पर ये पेय भारी है लस्सी. पर्यटक जब बनारसी मस्ती में खो जाते है और जब थकते है तो उन्हें सिर्फ बनारसी लस्सी की याद आती है। यहां आने वाले पर्यटक व यात्री के बीच गर्मी में इसकी डिमांड भी ज्यादा रहती है.
बनारसी लस्सी की बात करें तो इसकी अपनी खास रेसिपी होती है. ये पौष्टिक चीजों से मिलकर बनती है. इसे बनाने में दूध, दही, मलाई और रबड़ी का प्रयोग होता है. लस्सी अपने आप में बेहद शीतल पेय है. यह पेट को ठंडा रखता है और ऊर्जा देता है. उन्होंने बताया कि इसमें सभी पौष्टिक और ठंडी तासीर की चीजों का प्रयोग होता है. जो गर्मी के दिनों में राहत देती है. इसे बनाने में 10 मिनट का समय लगता है. इसे जितना मथा जाता है, उतना ही इसका स्वाद बढ़ता है.
अगर बात करे ठंडाई की तो यह एक पेय है जो ठंडाई मसाला, काजू, बादाम, गुलाब आदि चीजों को मिलाकर पिसा जाता है फिर उसे पानी और चीनी के शरबत में मिलाया जाता है। कुछ लोग इसमें थोड़ा भांग भी मिलाते है यह अत्यंत स्वादिष्ट द्रव्य होता है। आप जब भी वाराणसी आये तो लस्सी और ठंडाई पीना ना भूले।
कहाँ खाये – पहलवान लस्सी: महामना रोड, लंका, वाराणसी
6- बाटी चौखा
बाटी चोखा बनारस का एक खास डिश है। वाराणसी की गलियों और घाटों हर जगह आपको बाटी चोखा खाने को मिल जायेगा।
यहाँ मसालेदार चोखा और देसी घी में डूबी हुई चने की सत्तू से भरी हुई बाटी, तली हुई मिर्च के साथ खाने को दी जाती है। बाटी को आटा और सत्तू से तैयार किया जाता है उसके बाद बाटी को गोबर से बने उपलों की धीमी आंच पर सेका जाता है। इसके साथ चोखा तैयार करने के लिए बैगन, टमाटर को भून कर उसका चोखा बनाया जाता है इस तरह से वाराणसी के बने हुए बाटी चोखा का स्वाद ही अलग होता है .
कहाँ खाये – बाटी चौखा रेस्टॉरेंट, तेलिया बाग, वाराणसी
7- लौंगलता
लौंगलता एक प्रकार की मिठाई हैं जो बनारस में बनाई जाती है। बनारस का लौंगलता बहुत ही खास होता हैं।
वाराणसी में लौंगलता को सभी मिठाइयों की महारानी कहा जाता है। वाराणसी में शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा हो जिसने लौंग लता का स्वाद ना चखा हो।
लौंगलता को मुख्य रूप से मैदा ,खोया,व् चासनी से तैयार किया जाता है।
वाराणसी का लौंगलता तैयार करने के लिए एक लम्बा विधि से गुजरना पड़ता है यही कारण है की वाराणसी में मिलने वाला लौंग लता स्वादिष्ट होता है। आप बनारस आये तो इसे जरूर खाये क्योकि यह एक लोकल बनारसी डिश है जो आपको कही और खाने को नहीं मिलेगा।
कहाँ खाये – राजबन्धु, कचौड़ी गली, वाराणसी
8- चूड़ा मटर
चूड़ा मटर को वाराणसी का पोहा संस्करण बोल सकते है जो की खाने में बहुत स्वादिस्ट लगता है। इसको ताज़ी हरी मटर, धनिया, केसर, मटर आदि डाल कर बनाया जाता है इसमें चावल के चूड़ा का भी इस्तेमाल किया जाता है। चूड़ा मटर वाराणसी के प्रसिद्ध नाश्तों में से एक है। यह आपको सुबह के समय घाटों पर या बनारस की गलियों बहुत से दुकानों पर मिल जायेगा। चूड़ा मटर मुख्यता सर्दियों में मिलता है क्योकि उस समय हरे ताजे मटर मिलते है और नए चावल भी पैदा होकर मार्किट में आ जाते हैं। अगर आप सर्दियों में बनारस आये तो इस व्यंजन का लुफ्त उठा सकते है।
कहाँ खाये –दीना चाट भंडार: Near PDR Mall, Luxa, Varanasi
9- सफ़ेद माखन टोस्ट
सफ़ेद माखन टोस्ट वाराणसी के कुछ दुकानदारों की अपनी खोज है।
वाराणसी में सफ़ेद माखन खाने के लिए लक्ष्मी चाय वाले एक अच्छी जगह है. यह दुकान मलदहिया के पास है. यहां सुबह-सुबह ताज़ा नाश्ता मिलता है और यहां का मशहूर स्ट्रीट फ़ूड सफ़ेद मक्खन टोस्ट को चाय के साथ खाया जाता है. यहाँ पर ब्रेड को कोयले की भट्टी पर टोस्ट किया जाता है और उस पर सफ़ेद या पीला मक्खन फैलाया जाता है. माखन घर पर ताज़ा बनाया जाता है और इसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है. अपनी पसंद के हिसाब से इस टोस्ट को चीनी या चाट मसाले के साथ खाया जा सकता है।
कहाँ खाये – लक्ष्मी चाय, मलदहिया वाराणसी
10- लाल पेड़ा
अगर आप मिठाई के शौकीन हैं और वाराणसी में कुछ मशहूर मिठाई की दुकानों की तलाश कर रहे हैं, तो प्राचीन लाल पेड़े की दुकान (उदय श्री मिष्ठान भंडार) ज़रूर आज़माएँ! यहाँ लाल पेड़े, बर्फी और रोसोगुल्ला, खोवा वाला लड्डू जैसी कई तरह की मिठाइयाँ मिलती हैं, जिनमें से हर एक इतनी स्वादिष्ट होती है कि आप उसका स्वाद चख लगे तो आनंदित हो जायेगे।
लाल पेड़ा की खोज ‘प्राचीन लाल पेड़े की दुकान’ इनके पूर्वजो ने की थी जो बहुत पहले उदय प्रताप कॉलेज के अंदर अपनी दुकान चलाते थे।
गर्मियों में लालपेड़ा, खोवा वाला लड्डू और सर्दियों में गाजर का हलवा यहां का फेवरिट है।
Address: U.P College Gate Ke Pass, Bhojuveer, Varanasi, Uttar Pradesh 221002
हमने इस पोस्ट में आपको वाराणसी के फेमस खान- पान के बारे में बताया ताकि आप जब भी बनारस आये तो यहां के व्यंजनों का सही से आनंद ले सके। कहा भी जाता है बनारस आये और यहाँ के जायकों का आनंद नहीं लिया तो काशी दर्शन अधूरा है। हमने आपको इस लिस्ट में दस पकवानो के बारे में बताया लेकिन इसके अलावा भी बहुत से बनारसी आइटम्स है जिन्हे लोग बड़े चाव से खाते है। आप खुद बनारस की गलियों को घूमे और हमारे द्वारा बताये गए आइटम्स से अलग आपको कुछ अच्छा लगे तो हमें कमेंट करके जरूर बताये।